लखनऊ। कोरोना संक्रमण से संबंधित समस्याओं का समाधान ना होने से उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने योगी आदित्यनाथ सरकार को चेतावनी दी। संघर्ष समिति की तरफ से कहा गया है कि बिजली कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित न किए जाने से आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है, इसके चलते वह 2 जून यानी बुधवार को ऑक्सीजन प्लांट, अस्पतालों व आम लोगों को बिजली आपूर्ति के अतिरिक्त अन्य कोई कार्य नहीं करेंगे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की तरफ से कहा गया है कि कोरोना काल में लगभग 253 बिजली कर्मियों की मौत हो गई, जिससे ऊर्जा निगमों में दहशत का माहौल है। संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगम प्रबंधन को संवेदनहीन बताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का कहना है कि बिजली कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान किये जाने की बजाए ऊर्जा निगम प्रबंधन लगातार उनका उत्पीड़न कर रहा है। इन्हीं सब बातों की तरफ ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का ध्यान लाने के लिए संघर्ष समिति की तरफ से उन्हें एक पत्र भी भेजा गया है।
संघर्ष समिति की तरफ से ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि बीते 6 अक्टूबर को मंत्रिमंडलीय उप समिति और संघर्ष समिति के मध्य हुए समझौते में स्पष्ट लिखा है कि आंदोलन के दौरान हुई सभी एफआईआर वापस लिए जाएंगे, लेकिन उसके बाद भी उस समझौते का खुला उल्लंघन हो रहा है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि अभियंता संघ के चल रहे आंदोलन के कारण किसी भी अभियंता को परेशान किया गया तो संघर्ष समिति बड़ा आंदोलन शुरू करेगी।