मुंबई। कर्ज लेकर भारत से भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को मुंबई की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मांग पर भगोड़ा घोषित कर दिया है। माल्या पर बैंकों के 9 हजार करोड़ ना लौटाने का आरोप है। ईडी ने अदालत से अपील की थी कि चूंकि माल्या जानबूझ कर गिरफ्तारी से बचने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं इसलिए उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया जाए।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत का रुख कर शराब कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा घोषित करने की मांग की थी। अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने अदालत से आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 के तहत एक आदेश जारी करने का आग्रह किया था। मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) सहित माल्या के खिलाफ कई गिरफ्तारी वारंट लंबित हैं।
वहीं ईडी ने माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) भी जारी किया था। इस रेड कॉर्नर नोटिस को लेकर ईडी ने इंटरपोल से भी कहा था कि माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करना उसका ‘दायित्व’ बनता है।
गौरतलब है कि विजय माल्या बैंकों के साथ 900 करोड़ रुपये के कर्ज में धोखाधड़ी करने के आरोप में धन-शोधन रोधी कानून के तहत के एक मामले में वांछित हैं।