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नाबालिग के साथ रेप केस में आसाराम को उम्र कैद की सजा, पढ़ें पीड़िता के पिता ने क्या कहा

29 asaram bapu 5 नाबालिग के साथ रेप केस में आसाराम को उम्र कैद की सजा, पढ़ें पीड़िता के पिता ने क्या कहा

नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न मामले में आसाराम को जोधपुर कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। जिसके बाद देश में आसाराम के श्रद्धालूओं पर खासी निराशा छा गई है। हालांकि वह अभी भी हाई कोर्ट में अपील करने की बात कर रहे हैं। बता दें कि कल से ही आसाराम के भक्त जगह-जगह पर उनके लिए यज्ञ कर रहे थे और जैसे ही आसाराम को सजा की खबर उन्होंने सुनी तो कुछ आग बबूला हो गए, तो कुछ खबर सुनने के बाद रो पड़े।

 

29 asaram bapu 5 नाबालिग के साथ रेप केस में आसाराम को उम्र कैद की सजा, पढ़ें पीड़िता के पिता ने क्या कहा
आसाराम (पाइल फोटो)

 

कोर्ट के फैसले के बाद नाबालिग के पिता ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। पिता ने कहा कि हमें न्याय मिला। जिन लोगों ने हमारा साथ दिया हम उनका शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अब आसाराम को कड़ी सजा दी जाएगी।

 

2013 के इस मामले में कोर्ट की तरफ से करीब साढ़े चार साल बाद फैसला आया है। जिसमें कोर्ट ने दो आरोपियों को रिहा कर दिया जबकि आसाराम समेत तीन आरोपियो को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आसाराम को उम्र कैद की सजा वहीं बाकी दो दोषियों  शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता(सेविका), शरदचंद्र उर्फ शरतचंद्र को को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं इससे पहले कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए शिवा उर्फ सवाराम (आसाराम का प्रमुख सेवादार), प्रकाश द्विवेदी (आश्रम का रसोइया) को बरी कर दिया था। कोर्ट ने माना है कि आसाराम ने ही नाबालिग से बलात्कार किया था।

 

2013 में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में उनके ही गुरुकुल में रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। दो दिन बाद ही लड़की के पिता ने दिल्ली जाकर पुलिस में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। केस पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया। इसके बाद लड़की का मेडिकल टेस्ट कराया गया और मामला राजस्थान पुलिस को ट्रांस्फर कर दिया गया।

 

आसाराम को पुछताछ के लिए 31 अगस्त 2013 को समन जारी किया गया लेकिन उसके बावजूद वह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 342 (गलत तरीके से बन्धक बनाना), 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक हथकण्डे) के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज़ करने हेतु जोधपुर की अदालत में सारा मामला भेज दिया। इसके बाद आसाराम ने बचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया लेकिन वह नाकाम रहे और 1 सितंबर 2013 को राजस्थान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। आपको बता दें इस मामले में आसाराम का केस कई दिग्गज वकीलों ने लड़ा लेकिन कोई भी उसे साढ़े चार साल में जमानत दिलाने में कामयाब नहीं हो सका। मामले में उशके पक्ष की तरफ से 12 याचिकाएं जायर की गईं लेकिन अदालत ने सबको खारिज कर दिया।

 

इस मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हुई थी और अदालत ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए 25 अप्रैल को सुनाने की बात कही थी। आसाराम को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था।

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