लखनऊ: उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट में एटीएस लगातार नए और चौंकाने वाले खुलासे कर रही है। हाल ही में एटीएस ने उमर गौतम के ससुराल से सबूत इकट्ठे किए। एटीएस जब जांच करने के दौरान उमर के पैतृक गांव पंथुआ और सुसराल केशन पहुंची तो वहां कई चौकाने वाले खुलासे हुए।
एटीएम उमर के गांव के पास स्थित मंदिर में मौजूद पीपल के पेड़ की फोटो और वीडियो सबूत के तौर पर साथ लेकर आई। इस दौरान एटीएस के हाथ कई सबूत लगे।
गांव वालों ने उमर से तोड़ दिए थे सभी रिश्ते
गांव में जांच के दौरान एटीएस ने उमर के चचेरे भाई राजू सिंह से भी पूछताछ की। एटीएस ने पूछा कि क्या धर्म परिवर्तन के बाद गांव वापस आने पर उमर ने मंदिर और पीपल के पेड़ को हटाने की बात कही थी? एटीएस के सवाल का जवाब देते हुए राजू ने बताया कि जब से उमर ने धर्मांतरण कराया है तब से सभी ने उससे रिश्ते नाते तोड़ दिए हैं।
1956 के जैसी घटना चाहता था दोहराना
एटीएस ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया की कुमार गौतम एक बड़े सामूहिक धर्मांतरण की साजिश रच रहा था। वह 1956 जैसी घटना का सपना देख रहा था, क्योंकि एटीएस के हाथ जो सबूत लगे हैं, उसमें 1956 का जिक्र है।
बता दे, 1956 में एक बड़े वर्ग ने बौद्ध धर्म अपनाया था उम्र गौतम क्या दिमाग में भी कुछ ऐसा ही चल रहा था।
धर्म परिवर्तन में लगते हैं 2 से 3 महीने
एटीएस के साथ हुई पूछताछ में उमर ने बताया कि धर्म परिवर्तन कराने में एक व्यक्ति को 2 से 3 महीने का समय लग जाता है। कई बार लालच देना पड़ता है, तो कई बार समझाना पड़ता है। उन्हें इस्लाम क्या है, यह बताना पड़ता है। इसके लाभ बताने पड़ते हैं। तब कहीं जाकर धर्म परिवर्तन होता है।