22 अप्रैल को हर साल विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप की थी। अब पृथ्वी दिवस दुनिया के192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया जाता है।
पृथ्वी दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य पृथ्वी पर रहने वाले जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों को बचाने और दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति लोगों के बीच जागरुकता करना है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि ‘पृथ्वी दिवस’ या ‘अर्थ डे’ मनाए जाने की शुरुआत कैसे हुई? इस शब्द को लाने वाले जुलियन कोनिग थे। सन् 1969 में उन्होंने सबसे पहले पृथ्वी दिवस से दुनिया को अवगत कराया था।
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आपको बता दें इस साल 50 वां अर्थ डे मनाया जा रहा है जिसकी थीम क्लाइमेट एक्शन ली गई है। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण पथ्वी में उपस्थित जीव जन्तुओं की जिंदगी पर खतरा मंडराने लगा है। इसलिए जलवायु संकट से निपटने के लिए हम सबको एकजुट होना पड़ेगा और खासतौर पर इस वक्त पूरी दुनिया ही कोरोना जैसी भयंकर बीमारी से गुजर रही है। आज देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश की जनता को संदेश दिया है।
आज विश्व अर्थ दिवस पर मैं नागरिकों से पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण का सक्रिय सजग प्रहरी बनने का आह्वान करता हूं। इस ग्रह तथा इस पर रहने वाले मानव और अन्य जीव जंतुओं के बीच एक सौहार्दपूर्ण सह अस्तित्व स्थापित करें।
विश्व अर्थ दिवस 2020 का विषय क्लाइमेट एक्शन है, हमें अपनी पिछली गलतियों से सीखना चाहिए तथा सह अस्तित्व के लिए मानव और प्रकृति के बीच परस्पर निर्भरता को समझना चाहिए। आज हम परस्पर निर्भरता वाले विश्व में रह रहे हैं, हम विकास और आधुनिकीकरण का पुराना ढर्रा नहीं अपनाए रह सकते क्योंकि हर कदम का पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है। उपराष्ट्रपति ने देश की जनता को इस माहौल में किस तरह से कदम उठाने हैं इसके बारे जानकारी दी।