पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रूप में पूरब के लोगों को तरक्की का गेट-वे मिलने जा रहा है। गाजीपुर से सिर्फ 10 घंटे में देश की राजधानी दिल्ली पहुंचा जा सकेगा। पूर्वांचल के लोगों के लिए दिल्ली अब दूर नहीं होगी।
पूर्वांचल के लोगों के लिए अब दूर नहीं होगी दिल्ली
पूर्वांचल की बदहाली, गरीबी, बेबशी और अति पिछड़ेपन का दंश कभी लोकसभा में गाजीपुर के तत्कालीन सांसद विश्वनाथ गहमरी ने इस भावुकता से उठाया था कि सदन में बैठे अधिकांश माननीयों की आंखें नम हो गई थीं। पूरब के लोगों की आंखें एक बार फिर छलकने को बेताब हैं। पर, इस बार आंसू खुशी के होंगे, समृद्धि के पूरे होते सपनों के होंगे, देश की अर्थव्यवस्था में सिरमौर बनने के लिए बढ़ते कदम के होंगे।
16 नवंबर को पीएम दी करेंगे एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन
अवसर होगा 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन का। इस एक्सप्रेस-वे के रूप में पूरब के लोगों को तरक्की का ‘गेट-वे’ भी मिल जाएगा। पूर्वांचल के लोगों के लिए दिल्ली अब दूर नहीं होगी। गाजीपुर से सिर्फ 10 घंटे में देश की राजधानी पहुंचा जा सकेगा। पहले इसका दोगुना या इससे भी अधिक समय लगता था।
एक्सप्रेस-वे से खुलेंगे निवेश और रोजगार के द्वार
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में रोड कनेक्टिविटी को अर्थव्यवस्था के मजबूत प्लेटफार्म के रूप में तैयार किया है। सीएम के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को भी इसी मंशा से विकसित किया है। यह एक्सप्रेस-वे सिर्फ आमजन की आवागमन सुगमता का ही मार्ग नहीं है बल्कि निवेश व औद्योगिक विकास से रोजगार का भी नया द्वार खोलने वाला है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले जिलों में कारोबारी गतिविधियों को नया विस्तार तो मिलेगा ही, एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर स्थानीय श्रम शक्ति को सेवायोजित भी करेंगे।
इंडस्ट्रियल क्लस्टर में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स प्राथमिकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के समीप पांच इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की तरफ से नौ हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि चिन्हित भी कर ली गई है। चूंकि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले अधिकांश जिले कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले हैं, इसलिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर में पहली प्राथमिकता फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स पर है। इसके अलावा टेक्सटाइल, रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पाद, बेवरेज, केमिकल, मेडिकल उपकरणों से जुड़ी फैक्ट्रियां भी स्थापित होंगी।
गोरखपुर और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ेगा
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ा जाएगा। दो लिंक एक्सप्रेस-वे से जोड़कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार तीव्रतम की जाएगी। इससे गोरखपुर, संतकबीर नगर, बलिया समेत करीब आधा दर्जन अतिरिक्त जिले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएंगे।
आपातकालीन स्थिति में वायुसेना के काम आएगा एक्सप्रेस-वे
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को इतना मजबूत बनाया गया है कि आपातकालीन आवश्यकता पर वायुसेना अपने लड़ाकू विमान की इस पर लैंडिंग भी कर सकती है। एक्सप्रेस-वे पर सुल्तानपुर में बकायदे 3.2 किमी लंबी सड़क को वायुसेना की हवाई पट्टी के रूप में ही विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब सुल्तानपुर में एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे उससे पूर्व वायुसेना यहां लड़ाकू विमान की ट्रायल लैंडिंग कर सकती है।
एक नजर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
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शिलान्यास- 14 जुलाई 2018 को पीएम मोदी ने किया शिलान्यास
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एक्सप्रेसवे का प्रारंभिक स्थान- एनएच 731 के लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर स्थित लखनऊ का चांदसराय गांव
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अंतिम स्थान- एनएच 19 पर गाजीपुर का हैदरिया गांव (यूपी-बिहार बॉर्डर से 18 किमी पहले)
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ले आउट- पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित 6 लेन, कुल लम्बाई 340.824 किमी
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परियोजना की लागत – 22494.66 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण समेत
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कवर हुए जनपद – 9 (लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर)