नई दिल्ली। जैसा के सभी जानते हैं कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने देश को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। कोरोना संक्रमित मरीजों के आकड़ों में प्रतिदिन इजाफा देखने को मिल रहा है। सरकार द्वारा कोरोना से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की हुई है। उनका पालन करते रहना चाहिए। इसके साथ ही कोरोना के बचाव के लिए नागरिकों को वैक्सीन देने की पूरी तैयारी कर ली गई है। हालांकि वैक्सीन में अभी कुछ समय जरूर लग सकता है। इसी कोरोना महामारी को देखते हुए संसद का शीतकालीन सत्र इस बार नहीं बुलाया जाएगा। सरकार ने ऐलान किया है कि कोविड-19 के कारण इस बार संसद के शीतकालीन सत्र का आयोजन नहीं किया जाएगा।
जोशी ने दिया धीर रंजन चौधरी की एक चिट्ठी का जवाब-
बता दें कि हाल ही में कांग्रेस की ओर से किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सत्र की मांग की गई थी। इसी बीच देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 1 करोड़ के आंकड़े की तरफ बढ़ रही है। जिसे देखते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि सभी पक्ष सत्र को रोकने पर सहमत हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार से बचने के लिए शीतकालीन सत्र के पक्ष में कोई नहीं था। ऐसे में जनवरी में सीधे बजट सत्र बुलाया जाएगा। दरअसल, जोशी ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की एक चिट्ठी का जवाब दिया है। जिसमें अधीर रंजन चौधरी की तरफ से एक सत्र के लिए मांग की गई थी, जिसमें बड़े पैमाने पर हो रहे किसान विरोध प्रदर्शनों को लेकर विवादास्पद नए कृषि कानूनों पर चर्चा करने की मांग की गई थी। जोशी ने जवाब दिया कि उन्होंने सभी दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया था और सर्वसम्मति से कोविड-19 के कारण सत्र न बुलाए जाने पर सभी सहमत हुए थे।