Uttarakhand News: उत्तराखंड में देश की पहली योग नीति पर मंथन किया गया। देहरादून में आयुष विभाग की ओर से आमंत्रित 30 से अधिक योग विशेषज्ञों ने योग पॉलिसी पर अपने सुझाव दिए।
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इस मौके पर योग विशेषज्ञों ने बताया कि देव भूमि उत्तराखंड सदियों पुराना आध्यात्मिक और यौगिक खोज का केंद्र रहा है। पवित्र भूमि ने प्रसिद्ध योगियों, संतों और आध्यात्मिक नेताओं के कदमों को देखा है, जिससे यह यौगिक ज्ञान का उदगम स्थल बन गया। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के दूरदर्शी लोगों और नेताओं ने इस पवित्र भूमि में योग की गहन शिक्षाओं की खोज की है।
स्वामी विवेकानन्द को कौसानी के शांत वातावरण में सांत्वना मिली, जबकि श्रद्धेय महर्षि महेश योगी ने ऋषिकेश में भावातीत ध्यान तकनीक प्रदान की। प्रतिष्ठित चौरासी कुटिया ने द बीटल्स की परिवर्तनकारी यात्रा देखी और कैंची धाम के आध्यात्मिक निवास ने स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग के दिमाग पर एक अमिट छाप छोड़ी। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की आध्यात्मिक आभा से प्रेरणा ली है।
योग की गहन शिक्षाएं हर कोने में गूंजती हैं, जो दुनिया भर के साधकों को आकर्षित करती हैं। उत्तराखंड में योग के गौरवशाली इतिहास ने उन व्यक्तियों की नियति को आकार दिया है जो इसकी शांत घाटियों के बीच ज्ञान की तलाश में थे।
इस अवसर पर सचिव आयुष पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव डॉ. विजय जोगदण्डे, प्रसार भारती के पूर्व सी.ई.ओ. डॉ. मयंक अग्रवाल, परमार्थ निकेतन से डॉ. वाचस्पति सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
आयुष स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ