अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें तो बना दी जाती हैं लेकिन उन्हें पक्का करने में सालों लग जाते हैं। अल्मोड़ा में भी हालात कुछ ऐसे ही बने हुए हैं। जहां ग्रामीण एक दशक से कच्ची सड़क के पक्की होने का इंतजार कर रहे हैं।
एक दशक बाद भी कच्ची सड़क नहीं हुई पक्की, ग्रामीणों में रोष
उत्तराखंड में एक ओर सरकार नई सड़कों का जाल बिछाने की कवायद में लगी हुई है। तो दूसरी ओर पुरानी सड़कों की मरम्मत धरी की धरी रह गई है। आलम यह हो चुका है कि बरसों बीत जाने के बावजूद कच्ची सड़कों को पक्की करने का काम नहीं किया जाता है। वर्तमान में अल्मोड़ा जिले के ग्रामीण इलाकों की जनता भी सिस्टम के इसी रवैये से खासा परेशान है। सरकार अल्मोड़ा के ग्रामीण इलाकों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिये कई सड़कों का शिलान्यास करने में जुटी हुई है। लेकिन कच्ची सड़कों को पक्का करने का काम नहीं किया जा रहा है। सोमेश्वर विधानसभा के द्वारसों-काकड़ीघाट सडक़ मार्ग का निर्माण कार्य पिछले एक दशक पहले किया जा चुका है। लेकिन अभी तक इस सडक़ मार्ग में डामरीकरण का काम नहीं किया गया है। जिसके चलते ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर समय रहते सड़क मार्ग पर डामरीकरण का काम नहीं किया गया तो ग्रामीण चुनाव बहिष्कार करेंगे।
जल्द शुरू होगा डामरीकरण का काम- रेखा आर्या
एक और जहां ग्रामीणों में सड़क को लेकर रोष बना हुआ है तो दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने जल्द डामरीकरण होने की बात कही है। इस मामले को लेकर अल्मोड़ा पहुंची कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि इस सड़क मार्ग के डामरीकरण के लिए टेंडर किया जा चुका है। जल्दी ही कार्य प्रारंभ किया जायेगा।