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उत्तराखंडः दो राज्यों के पूर्व सीएम ND तिवारी ने दिल्ली के मैक्स अस्पताल में ली आखिरी सांस

उत्तराखंड राज्य के विकास पुरुष नारायण दत्त तिवारी (एनडी तिवारी) ने गुरूवार को दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम के निधन से राजनीति गलियारों में शोक का माहौल है। आपको बता दें कि नारायण दत्त तिवारी देश के पहले ऐसे राजनेता थे जिनको दो राज्यों का मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ। एनडी नेहरू-गांधी के समय के कुछ अद्वतीय नेताओं में से हैं जिन्होंने स्वतंत्रता की जंग में स्मर्णीय योगदान दिया।

 

एनडी तिवारी उत्तराखंडः दो राज्यों के पूर्व सीएम ND तिवारी ने दिल्ली के मैक्स अस्पताल में ली आखिरी सांस
उत्तराखंडः दो राज्यों के पूर्व सीएम ND तिवारी ने दिल्ली के मैक्स अस्पताल में ली आखिरी सांस

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मालूम हो कि एनडी तिवारी को केंद्र सरकार में वित्त,विदेश, उद्योग, श्रम जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। एनडी तिवारी को जब उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य की कमान सौंपी गई तब उत्तराखंड की आंदोलनकारी शक्तियां असहज और स्तब्ध रह गई।कहा जाता है कि जिस समय एनडी तिवारी को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया। तब वह उत्तराखंड में अवस्थापना विकास और उद्योग की आधारशिला रखने में सफल हुए थे।

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एनडी के चाहने वाले उनको विकास पुरुष की उपमा दी। उनके पक्ष और विपक्ष में बैठे राजनैतिक विरोधी भी उत्तराखंड के विकास में एनडी के योगदान की मिसाल देते हैं।मुख्यमंत्री बनने के बाद एनडी ने अपने केंद्रीय रिश्तों के दम पर निवेशकों को उत्तराखंड आने के लिए मजबूर किया। राजमार्गों और सर्किल मार्गों को रिकॉर्ड समय में तैयार कराया। राज्य की स्थापना के बाद राज्य की तरक्की एनडी के विजन पर ही सियासी उत्तराधिकारी कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता एनडी तिवारी  का 93 वर्ष में  निधन हो गया है। आपको बता दें कि   1925 में आज के ही दिन तिवारी का जन्म हुआ था। तिवाारी पहले  नेता थे, जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री बने। तिवारी 1976-77, 1984-85, 1988-89 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 2002-2007 तक उत्तराखंड के सीएम रहे। एनडी तिवारी  2007 से 2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे है। इसके अलावा केंद्र में भी कई मंत्रालयों के मंत्री रहे हैं।

मालूम हो कि राजीव गांधी सरकार में तिवारी 1986-87 तक विदेश मंत्री और 1987-88 तक वित्त मंत्री रहे। 1989 में राजीव गांधी के निधन के बाद एनडी तिवारी को कांग्रेस से प्रधानमंत्री पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन, 1991 के लोकसभा चुनाव में वे नैनीताल सीट से हार गए।

महेश कुमार यादव

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