उत्तराखंड में आज इगास पर्व की धूम है। इसको लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इगास पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए सभी लोगों से अपने अपने पैतृक गांव जाकर इस पर्व को मनाने की अपील की।
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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करके कहा कि आज मुख्यमंत्री आवास पर इगास/बूढ़ी दिवाली एवं देवोत्थान एकादशी के शुभ अवसर पर तुलसी व गौ माता का पूजन किया। हमें अपनी पर्यावरण हितैषी परंपराओं के संरक्षण व संवर्धन के लिए सदैव प्रयासरत रहना चाहिए, जिससे आगे आने वाली पीढ़ी भी इन लोकपर्वों से परिचित हो सके।
आज मुख्यमंत्री आवास पर इगास/बूढ़ी दिवाली एवं देवोत्थान एकादशी के शुभ अवसर पर तुलसी व गौ माता का पूजन किया। हमें अपनी पर्यावरण हितैषी परंपराओं के संरक्षण व संवर्धन के लिए सदैव प्रयासरत रहना चाहिए, जिससे आगे आने वाली पीढ़ी भी इन लोकपर्वों से परिचित हो सके। pic.twitter.com/AoQRzGBA95
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 4, 2022
क्या है इगास बग्वाल
गढ़वाल में 4 बग्वाल होती हैं। पहली बग्वाल कर्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होती है। दूसरी अमावस्या को पूरे देश की तरह गढ़वाल में भी अपनी लोक परंपराओं के साथ मनाई जाती है। तीसरी बग्वाल बड़ी बग्वाल (दिवाली) के ठीक 11 दिन बाद आने वाली, कर्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। गढ़वाली में एकादशी को इगास कहते हैं।
इसलिए इसे इगास बग्वाल के नाम से जाना जाता है। चौथी बग्वाल आती है दूसरी बग्वाल या बड़ी बग्वाल के ठीक एक महीने बाद मार्गशीष माह की अमावस्या तिथि को। इसे रिख बग्वाल कहते हैं. यह गढ़वाल के जौनपुर, थौलधार, प्रतापनगर, रंवाई, चमियाला आदि क्षेत्रों में मनाई जाती है।