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उत्तराखंड: सीएम पुष्कर ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से की मुलाकात, इन बातों पर मंथन

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। साथ ही राज्य से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की।

भुगतान की व्यवस्था निर्धारित हो- सीएम

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध किया कि उत्तराखण्ड राज्य में समय-समय पर आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध मेलों/पर्वों पर तैनात होने वाले केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती/ व्यवस्थापन पर होने वाले व्यय को पूर्वोत्तर राज्यों/विशेष श्रेणी के राज्य की भांति 90:10 के अनुपात में भुगतान की व्यवस्था निर्धारित की जाए।

केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के सीमित आर्थिक संसाधनों के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य में समय-समय पर तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के फलस्वरूप लम्बित देय धनराशि रूपये 47.29 करोड़ को अद्यतन विलम्ब शुल्क सहित छूट प्रदान करने का भी अनुरोध किया।

राज्य से पलायन रोकने पर चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड से नेपाल तथा चीन की सीमा लगी है। जहां स्थित गांव दुर्गम भौगोलिक परिस्थिति तथा आर्थिक अवसरों की कमी के कारण वीरान हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में इनर लाईन प्रतिबंध हटाये जाने से पर्यटन के अपार अवसर खुलेंगे तथा क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढने से वहां से पलायन रूकेगा।

उन्होने कहा कि इससे संवेदनशील क्षेत्रों में बेहतर सीमा प्रबन्धन में भी सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से चमोली जिले के नीति घाटी और उत्तरकाशी के नेलोंग घाटी को इनर लाईन प्रतिबन्ध से हटाये जाने के प्रस्ताव पर विचार करने का आग्रह किया।

कांवङ यात्रा पर हुआ विचार विमर्श

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कोविड की तीसरी लहर के दृष्टिगत राज्य सरकार की तैयारियों, चार धाम यात्रा, कांवङ यात्रा पर भी विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के प्राकृतिक आपदा की अत्यधिक संवेदनशीलता के दृष्टिगत विभिन्न महत्वपूर्ण बिन्दु  राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को संदर्भित किये गये हैं।

गृह मंत्री से किया अनुरोध

सीएम पुष्कर ने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य के लिये 02 एयर एंबुलेन्स,  ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में आपदा प्रबन्धन शोध संस्थान की स्थापना, आपदा प्रभावित गांवों का विस्थापन SDRF निधि के अन्तर्गत अनुमन्य किये जाने के साथ ही आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित किये जाने हेतु स्थायी व्यवस्था स्थापित किये जाने का अनुरोध किया।

वस्तुस्थिति पर ध्यान देने का आग्रह

सीएम ने राज्य आपदा जोखिम प्रबन्धन कोष घटकों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करते समय विशेष रूप से पर्वतीय राज्यों की वस्तुस्थिति पर ध्यान दिये जाने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य आपदा मोचन निधि के अन्तर्गत केन्द्रांश की द्वितीय किस्त अवमुक्त किये जाने का भी अनुरोध किया।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली भी उपस्थित रहे।

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