उधमसिंह नगर जिले के खटीमा से दो बार के बीजेपी विधायक पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। आज शाम 5 बजे वो शपथ लेंगे, और 45 वर्षीय धामी उत्तराखंड के अबतक के सबसे युवा सीएम होंगे।
सर्वसम्मति से नाम तय हुआ
बता दें बतौर पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पार्टी मामलों के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मौजूदगी में कल हुई पार्टी विधायक दल की बैठक में उनका नाम सर्वसम्मति से तय हुआ। उनके नाम का प्रस्ताव तीरथ सिंह रावत ने रखा।
हर चुनौती को पार करेंगे- धामी
वहीं सीएम नेता चुने जाने के बाद धामी ने कहा कि पलायन और बेरोजगारी के मुद्दों को सुलझाना मेरी पहली प्राथमिकता होगी। सभी के सहयोग से हर चुनौती को पार करेंगे, और सरकार के कामों को आगे बढ़ाएंगे।
धामी के सामने कई चुनौतियां
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने बीजेपी के ऐसे तमाम बड़े नेताओं को साधने की चुनौती होगी, जो लंबे समय से मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर नजर गड़ाए हैं। उन्हें पछाड़कर दो बार के विधायक को जो मंत्री या राज्यमंत्री भी कभी ना रहा हो को तवज्जो मिलना कई नेताओं को खटक सकता है।
तय करना होगा मंत्रिमंडल
इसकी बानगी नए मुख्यमंत्री को सबसे पहले अपना मंत्रिमंडल तय करके दिखानी होगी। इसके अलावा उनके सामने मुख्यमंत्री के खेल से खराब हुई पार्टी की छवि को बदलने की भी चुनौती कम बड़ी नहीं है।
आम लोगों को दिलाना होगा विश्वास
साथ ही लगातार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री चेहरे में बदलाव के चलते आम लोगों के मन में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के प्रति बनी इस धारणा को भी बदलने की चुनौती है। और ये भी की बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व उत्तराखंड को गंभीरता से नहीं लेता।
केंद्रीय हाईकमान ने युवा चेहरे पर दांव तो लगा दिया है, लेकिन प्रदेश की चुनौतियों से निपटने के लिए उनके पास वक्त सीमित ही बचा है। तो उन्हे साबित करना होगा कि क्यों बाकी चेहरों को पीछे छोड़ उनके हाथों में उत्तराखंड की बागडोर सौंपी गई है।