यूपी कांग्रेस का 15 सितंबर यानी आज से ‘प्रशिक्षण से पराक्रम कार्यक्रम’ का दूसरा चरण शुरू हो गया। यह चरण 15 दिन तक चलेगा। इन 15 दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस राज्य के विभिन्न स्थानों 100 ट्रेनिंग कैम्पों को आयोजित करेगी। इन प्रशिक्षण शिविरों में तकरीबन 30 हज़ार पदाधिकारी प्रशिक्षित किए जाने हैं। इसके लिए प्रदेश मुख्यालय में जुलाई माह से ही एक विशेष ट्रेनिंग टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो प्रशिक्षण के कार्य को अंजाम दे रही है।
पहले चरण में कितने कार्यकर्ताओं का हुआ प्रशिक्षण
‘प्रशिक्षण से पराक्रम महाभियान’ के पहले चरण 11 दिनों तक चला जिसमें कांग्रेस ने अपने तकरीबन 25 हज़ार कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया था। पहले चरण में चालीस सदस्यीय सात मास्टर ट्रेनर टीमों ने यूपी के सभी जिलों में जिला और शहर कमेटियों के पदाधिकारियों के साथ ब्लाक अध्यक्षों, वार्ड अध्यक्षों और न्याय पंचायत अध्यक्षों को प्रशिक्षित किया था।अब यह अभियान विधानसभावार शुरू हो रहा है। गौरतलब है कि इस अभियान के तहत कांग्रेस ने 700 प्रशिक्षण शिविरों के जरिये 2 लाख पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करने का महाभियान शुरू किया है।
चार चरणों में पूरी होगी महा-अभियान की प्रक्रिया
इस महाअभियान के कुल चार चरण है। बूथ मैनेजमेंट पर फ़ोकस, सोशल मीडिया और विचारधारा पर गंभीर प्रशिक्षण इस प्रशिक्षण शिविर में पांच विभिन्न विषयों पर ट्रेनिंग दी जा रही है।
इस महा अभियान में किन विषयों पर दिया जा रहा है ध्यान
बूथ मैनेजमेंट पर विशेष फोकस किया जा रहा है। साथ ही साथ सोशल मीडिया के बेहतरीन उपयोग के लिए पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन दो विषयों के अलावा कांग्रेस की विचारधारा, भाजपा- आरएसएस का सच और किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश नाम से तीन अलग अलग कार्यशाला आयोजित की जा रही है। ‘किसने बिगाड़ा यूपी’ के अंतर्गत भाजपा के अलावा सपा-बसपा राज की कमियों को उजागर करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।