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राजस्थान का अब तक का राजीनित इतिहास-राजस्थान में इस बार क्यो हर सकती हैं बीजेपी

Untitled 55 राजस्थान का अब तक का राजीनित इतिहास-राजस्थान में इस बार क्यो हर सकती हैं बीजेपी

नई दिल्ली। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव आने वाले हैं जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच घमासान मचा हुआ हैं और ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों की ओर से काफी अहम और राजनीतिक दर्ष्टिकोण से महत्वपूर्ण फैसले लिए गए जा रहे हैं । जहां एक और कांग्रेस की ओर से राजस्थान के पूर्व सीएम पद पर रह चुके अशोक गहलोत को संगठन महासचिव बनाया गया हैं तो दूसरी और बीजेपी की ओर से राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने अपना इस्तीफा दे दिया हैं हालाकिं यें भी कहा जा रहा हैं।

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राजस्थान में मिली उपचुनावों में करारी हर के बाद अशोक परनामी से इस्तीफा ले लिया गया हैं और उन्हें केन्द्र मे कार्यकारिणी की जिम्मेदारी दी गई हैं पर अशोक परनामी के इस्तीफे को लेकर सियासी गलियारों में कयासों का दूर तेज हो गया हैं। बता दे कि अशोक परनामी सीएम वसुंधरा राजे के काफी करीबी माने जाते हैं। पर आज हम बात कर रहे हैं राजस्थान के राजनीतिक इतिहास की कि अब तक राजस्थान में क्या होता आया हैं और इस बार का विधानसभा चुनाव क्यों हैं खास चलिए जानते हैं

राजस्थान की राजनीति का इतिहास-

राजस्थान में कांग्रेस के मोहन लाल सुखाड़िया सबसे ज्यादा लंबें वक्त 17 सालों तक राजस्थान की सत्ता पर काबिज रहे हैं और मोहन लाल को आधुनिक राजस्थान का निर्माता भी कहा जाता हैं।

राजस्थान की राजनीति में परिवर्तन की लहर पैदा हुई 1999 में जब राजस्थान में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी और राजस्थान के मुख्यमंत्री बने भैरों सिंह शेखावत जिन्होनें जनता पार्टी द्रारा चुनाव लड़ा और राजस्थान की सत्ता पर काबिज हुए उसके बाद जनता पार्टी भारतीय जनता पार्टी में तब्दील हो गई।

सत्ता परिवर्तन की राजनीति-

राजस्थान में अब कई दिग्गज नेता कांग्रेस से अलग हो चुके थे और नई पार्टी जनता पार्टी भारतीय जनता पार्टी बन चुकी थी और पहली बार 1977 में गैर कांग्रेसी सरकार बन चुकी थी। लेकिन फिर राजस्थान में 1985 से जन्म हुआ सत्ता परिवर्तन की राजनीति का और 1985 में राजस्थान की सत्ता पर काबिज हुए कांग्रेस के हरिदेव जोशी

1990 में राजस्थान की सियासत पर काबिज हुई भारतीय जनता पार्टी और सीएम बने भेरौं सिंह सेखावत

उसके बाद 1998 में आई कांग्रेस की सरकार और सीएम बने अशोक गहलो..

2003 भारतीय जनता पार्टी की सरकार और सीएम बनी वसुंधरा राजे सिंधिया

2008 में कांग्रेस की सरकार और सीएम की गद्दी पर बैठे अशोक गहलोत।

2013 में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार और सीएम बनी वसुंधरा राजे।

ये थी राजस्थान की अबतक की राजनीति और अब बारी हैं 2018 की…जो एक अहम सवाल के साथ उठ रही हैं कि कौन होगा इस बार राजस्थान की सत्ता पर काबिज…किसके सर सजेगा हुकुमत का ताज..तो इसी पर आज बात करेंगे क्योकि 1997 से चली आ रही सत्ता परिवर्तन राजनीति क्या बदल पाएंगी क्या दुबारा बीजेपी होगी सत्ता पर काबिज और क्या खिला पाएगी रेत में कमल या सज जाएगा कांग्रेस पर हुकुमत का ताज बहरहाल इस बार का राजस्थान चुनाव इसलिए भी खास हैं क्योकि पहली बार राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया हैं और आपसी फूट राजस्थान की प्रदेश सरकार और कैबीनेट में देखने को मिल रही हैं जिसका सीधा चुनावी फायदा ले रही हैं कांग्रेस और जो डालेगी सीधा असर राजस्थान के विधानसभा चुनावों पर।

2018 का राजस्थान चुनाव क्यो हर सकती हैं बीजेपी

राजस्थान में विधानसभा चुनाव दिसंबर में हो सकते हैं औऱ इसी के साथ एक अहम सवाल खड़ा हो रहा हैं कि क्या इस बार भी राजस्थान में होगी सत्ता परिवर्तन की राजनीति क्या बीजेपी को मिल सकती हैं इस बार के राजस्थान चुनाव में करारी सिकस्त। आइये जानते हैं कि अगर बीजेपी राजस्थान का चुनाव हारती हैं तो कौन कौन से हो सकते हैं महत्वपूर्ण कारण

राजस्थान में अगर बीजेपी  हारती हैं तो इसके पीछे एक कारण हो सकता हैं किसान आंदोलन और जाट आदोंलन

दूसरा बड़ा कारण हो सकता हैं जसवंत सिंह को निष्कासित करना क्योकि राजस्थान में जसवंत सिंह एक बड़े और कद्दावर नेता के तौर पर देखे जाते हैं.

तीसरा बड़ा कारण हो सकता हैं पार्टी के नाखुश नेता जो कि वंसुधरा सरकार से नाखुश हैं और कई विरोधी बयान भी वसुंधरा सरकार के खिलाफ दे चुके हैं।

चौथा बड़ा कारण हो सकता हैं पार्टी के अदंर

पांचवा कारण हो सकता हैं पार्टी  के अंदार का कलह और दलितों की नाराजगी और अध्यक्ष पद पर मचा घमासान  साथ ही उपचुनावों पर मिली करारी हार भी विधानसभा पर खासा असर डाल सकती हैं।

 

 

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