सुपरटेक टॉवर निर्माण को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। इस मामले में सुपरटेक बिल्डर ने प्राधिकरण की 7000 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था। इस अवैध कब्जा की जमीन की कीमत करोड़ो रुपये है। यह मामला जब सामने आया जब प्राधिकरण के एसआईटी टीम जांच करने के लिए यहां पहुंची थी। इसके बाद इस मामले का खुलासा किया गया है। इस मामले में ड्रोन सर्वे के दौरान यह बात सामने आई है। प्राप्त सूचना के अनुसार सुपरटेक बिल्डर ने जनरेटर रख ग्रीन बेल्ट पर कब्जा जमा रखा था। इस बात की सूचना मिलते ही प्राधिकरण के उद्यान विभाग ने इस मामले की जांच की। अब प्राधिकरण उद्यान विभाग के अधिकरियों के शामिल होने की जांच करेगा।
इस मामले में सुपरटेक के एमरॉल्ड कोर्ट और एटीएस के बीच सात हजार वर्ग मीटर की जमीन पर ग्रीन बेल्ट विकसित की गई थी। जिस के मुताबिक एमरॉल्ड के पास दीवार होनी जरूरी थी। जबकि एटीएस की ओर से दीवार बनाई गई थी। दीवार के दूसरी ओर के हिस्से का लाभ एमरॉल्ड के निवासी ले रहे थे। अब मामला संज्ञान में आने के बाद उद्यान विभाग में अधिकारियों के बीच खलबली का माहौल बन गया है। अब इस दिशा में प्राधिकरण जांच भी करेगा। जांच के दौरान यदि उद्यान विभाग के किसी भी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है तो सख्त कार्रवाई हो सकती है।
प्राधिकरण की तरह से मामले में उचित जांच की जा रही है। जिसके बाद उद्यान विभाग के अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। जिस कारण उद्यान विभाग में चिंता का माहौल बन गया है। उद्यान विभाग के निदेशक उप निदेशक और सहायक निदेशकों के मिलीभगत की बात कही जा रही है। और कुछ अधिकारी रिटायर भी हो चुके हैं। जानकारी के अनुसार एशिया के अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की गई है। जो इस पूरे मामले की जांच करेगा और दोषियों पर कानूनी कदम उठाया जाएगा।