Mathura: गोकुल स्थित रमणरेती आश्रण में ठाकुर रमण बिहारी का आंगन रविवार को होली के रंगों में सराबोर हो गया। साधु संतों और श्रद्धालुओं ने पहले लड्डू होली, लठामार होली, फिर फूलों की होली और फलों की होली खेली गई। केमिकल मुक्त होली के रस में भीग कर श्रद्धालु निहाल हो गए।
गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में हर साल होता है होली का आयोजन
वहीं, गोकुल के नजदीक गुरु शरणानंद महाराज का ‘श्रीउदासीन कार्ष्णि आश्रम’ स्थित है, जिसे रमणरेती आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। इस आश्रम में हर साल होली का आयोजन किया जाता है, हजारों की संख्या में श्रद्धालु होली के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुँचते हैं।
इन गानों से गूंज उठा आश्रम
रमणरेती आश्रम में जहां एक तरफ अबीर-गुलाल और टेसू से बन रंगों की वर्षा हो रही थी, तो दूसरी तफर ‘आज बिरज में होरी रे रसिया, चलौ आइयो रे श्याम पनघट पर चलौ आईयो रे, तू बरसाने में आए जईयो बुलाए रही राधा प्यारी, फाग खेलन बरसाने आए हैं नटवर नंद किशोर और उड़त गुलाल लाल भए बदरा जैसे होली के गीत और रसिया से आश्रम गूंज उठा, वही रसिया घायलों पर श्रद्धालु अपने आप को रोक नहीं पाए और नाचते हुए दिखाई दिए,
रासलीला का किया आयोजन
ठाकुर जी के आंगन में रासलीला का भी आयोजन हुआ। इसमें राधाकृष्ण के स्वरूपों ने लठामार और लड्डू एवं फूलों की होली खेली।
रास मंडली के कलाकारों मे पेश की आकर्षक प्रस्तुति
समारोह के प्रारंभ में छोटे ठाकुर की रास मंडली के कलाकारों ने होली रास की मंच पर आकर्षक प्रस्तुति दी। वहीं, उड़ते अबीर गुलाल और फलों और फूलों की होली में सराबोर हुए भक्त नाचने को मजबूर हो गए। रमणबिहारी के आंगन में हुई होली में टेसू के रंगों का प्रयोग किया गया।
ठाकुरजी के जयकारे गूंज उठा रमणरेती आश्रण
रमणरेती आश्रण में दिनभर हर तरफ होली की धूम रही और ठाकुर जी के जयकारे गूंज उठा। हर कोई भगवान श्रीकृष्ण के भक्ति रंग में सराबोर दिखाई दिया, होली के पलों को युवक, युवतियां और महिलाएं मोबाइल में कैद करती हुई दिखाईं दीं।