शिवनदंन सिंह, संवाददाता
यूक्रेन और रूस का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में अब राज्य सरकारों द्वारा भी वहां फंसे लोगों और छात्रों को निकालने का कार्य जारी है।
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यूक्रेन से लखनऊ लौटी एमबीबीएस की छात्रा आकांक्षा चौरसिया ने हमारे संवाददाता से बातचीत कर यूक्रेन के ताजा हालतों पर चर्चा की।
यूक्रेन में हालात बहुत खराब
बातचीत में आकांक्षा चौरसिया ने बताया कि अभी यूक्रेन के हालात सामान्य नहीं है। दिन – प्रतिदिन हालात बिगड़ रहें हैं। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि वह जहां रह रही थी । वहां स्थिति ज्यादा खराब नहीं थी।
इंडियन एम्बेसी ने नहीं की मदद
आकांक्षा ने इंडियन एम्बेसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि एम्बेसी द्वारा उन्हें किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली । कई साथी घंटो तक वहां फंसे रहे। जिसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर वायरल किए गए। उसके बाद एम्बेसी ने उनसे संपर्क साधा। हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि सरकार के दखल करने के बाद उन्हें काफी मदद मिली।
8 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे बार्डर
आकांक्षा ने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि वह एक प्राइवेट बस में बैठकर बार्डर की तरफ निकले। लेकिन बार्डर पहंुचने के 8 किलोमीटर पहले ही उन्हें वहां उतरना पड़ा। दूर- दूर तक गाड़ियों की लंबी – लंबी लाईनें लगी थी। जिसके चलते वह 8 किलोमीटर पैदल चलकर बार्डर पहुंचे ।
यूक्रेन आर्मी ने छात्रों से की मारपीट !
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था। जिसमें यह दिख रहा था कि यूक्रेन आर्मी भारतीय छात्रों और लोगों के साथ मारपीट कर रही है। ऐसे में आकांक्षा ने इन सभी बातों का जवाब दिया है। आकांक्षा ने बातचीत में बताया कि बार्डर पर भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी। ऐसे में यूक्रेन आर्मी द्वारा वहां से लोगों को हटने के लिए कहा जा रहा था। क्योंकि वहां से लगातार ट्रक गुजर रहे थे। ऐसे में वहां जमा हुए लोग बार्डर पर लगे गेट को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। जिसके कारण यूक्रेन आर्मी और लोगों के बीच हाथापाई हो गई।
ओपरेशन ‘गंगा’ से मिली काफी मदद
आकांक्षा ने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि ओपरेशन ‘गंगा’ से उन्हें काफी मदद मिली। हर जगह उनके रूकने और खाने का पूरा इंतजाम किया गया था। जिसके बाद उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई और वह सही सलामत अपने घर वापिस पहुंची। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि अभी भी यूक्रेन में कई छात्र फंसे हैं ।