शैलेंद्र सिंह, लखनऊ: अगर हम उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूल की बात करते हैं तो हमारे जहन में उसकी अलग ही तस्वीर उभर कर सामने आती है। मगर, यूपी के बरेली जिले में एक सरकारी स्कूल का कायाकल्प ऐसे किया गया है, जो किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं है।
जी हां, बरेली जिले के किला थाना क्षेत्र के जसौली में एक सरकारी स्कूल का जीर्णोद्धार हॉलैंड के स्कूलों की तर्ज पर किया जा रहा है। इस स्कूल का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है और अप्रैल माह के अंत तक यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। इसके लिए लगातार काम चल रहा है।
उद्यमी शकील कुरैशी ने गोद लिया है स्कूल
बरेली के जिलाधिकारी की अपील पर जसौली सरकारी स्कूल को गोद लेने वाले मारिया फ्रोजन समूह के चेयरमैन शकील कुरैशी ने भारत खबर के पत्रकार शैलेंद्र सिंह से खास बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि, इस स्कूल के जीर्णोद्धार के प्रोजेक्ट पर काम हॉलैंड के स्कूलों की तर्ज पर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह प्रदेश का पहला कोविड फ्री स्कूल होगा।
शकील कुरैशी ने बताया कि, यह स्कूल आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। यहां पढ़ने आने वाले गरीब बच्चों को बिल्कुल फाइव स्टार होटल जैसा महसूस होगा। हमारी कोशिश है कि यहां के बच्चों को सीबीएसई बोर्ड के पैटर्न वाला माहौल और शिक्षा दोनों मिलें।
‘स्कूल में अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति की अपील’
शकील कुरैशी ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी और शासन से अपील की है कि इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए अच्छे अध्यापकों की नियुक्ति की जाए। इसके लिए जिलाधिकारी खुद उन अध्यापकों का इंटरव्यू (साक्षात्कार) लें और बेहतर शिक्षक को नियुक्त करें।
स्कूल के बारे में पूछने पर शकील कुरैशी ने कहा कि, यह स्कूल करीब 40 वर्ष पुराना है, जिसमें अभी तक 230 बच्चे पढ़ने आते हैं। उन्होंने कहा कि, अब जब इस स्कूल को नया हाईटेक रूप मिल गया है तो इसमें पढ़ाई के लिए एडमिशन दिलाने कई सारे बच्चों के अभिभावक आ रहे हैं।
यूपी का पहला कोविड फ्री स्कूल: शकील कुरैशी
करीब दो करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से लगभग तैयार हो चुके इस स्कूल की खास बात बताते हुए शकील कुरैशी ने कहा कि, यह उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा स्कूल होगा, जो कोविड फ्री होगा। स्कूल को कोरोना से मुक्त रखने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि, इसके लिए बच्चों की स्कूल में एंट्री से लेकर कक्षा में बैठने तक टच फ्री सिस्टम विकसित किया गया है। एक बेंच पर बैठे छात्रों के बीच शीशे लगाए गए हैं, जिससे एक-दूसरे की सांस भी टच न हों। साथ ही छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग बाथरूम बनाए गए हैं।
‘ISO सर्टिफाइड कराने के लिए किया है अप्लाई’
शकील कुरैशी ने बताया कि उन्होंने स्कूल को आइएसओ (ISO) सर्टिफाइड कराने के लिए अप्लाई कर दिया है। इस तरह यह प्रदेश का पहला आइएसओ सर्टिफाइड स्कूल बन सकता है। उन्होंने बताया कि, अप्रैल माह तक इस स्कूल के पूरी तरह से तैयार हो जाने पर हम इसका उद्घाटन अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के हाथों कराना चाहते हैं।
आधुनिक जसौली सरकारी स्कूल में मिलेंगी ये सुविधाएं:
- पहला आइएसओ सर्टिफाइड सरकारी स्कूल
- स्कूल में प्रोजेक्टर से लैस 23 स्मार्ट कक्षाएं
- स्कूल परिसर में 30 सीसीटीवी कैमरे
- बच्चों के खेलने के लिए दो पार्क
- स्कूल में 22 मॉर्डन टॉयलेट
- एक कल्चरल रूम, एक कैंटीन और एक लाइब्रेरी
- मिड-डे मील के लिए एक रसोई।