लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सियासी दलों ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी भी अपनी गद्दी बरकरार रखने के लिए लगातार रणनीति बना रही है।
एके शर्मा भी एक्टिव मोड में
एक तरफ जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मिशन यूपी के लिए सक्रिय हो गए हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्र और हाल में बीजेपी में शामिल हुए पूर्व आइएएस एके शर्मा भी एक्टिव मोड में हैं। बीजेपी अपने पूर्व और नाराज सहयोगी दलों को मनाने और वापस लाने की कवायद में जुटी है।
विधानसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम का समय बचा है और ऐसे में भाजपा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, अपना दल और निषाद पार्टी को साधने में जुट गई है। इसी क्रम में पूर्व आइएएस अधिकारी एके शर्मा ने निषाद पार्टी के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की।
निषाद पार्टी के प्रमुख नेताओं से मिले एके शर्मा
बीजेपी एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा यानी एके शर्मा ने गुरुवार को निषाद पार्टी के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की और इसकी जानकारी खुद उन्होंने ट्वीट करके दी। उन्होंने लिखा- ‘निषाद समाज के प्रिय नेता, पार्टी सुप्रीमो एवं मछुआरा समाज के राजनीतिक ‘गाडफादर’ संजय कुमार निषाद एवं संत कबीर नगर से लोकप्रिय सांसद प्रवीण निषाद जी से शुभेच्छा मुलाक़ात हुई। इन समाज के लोगों के विकास के लिए साथ में कार्य करेंगे।’
निषाद समाज के प्रिय नेता, पार्टी सुप्रीमो एवं फ़िशरमैन समाज के पोलिटिकल गाडफादर माननीय डा० संजय कुमार निषाद एवं संत कबीर नगर से लोकप्रिय सांसद श्री प्रवीण निषाद जी से शुभेच्छा मुलाक़ात हुई। इन समाज के लोगों के विकास हेतु साथ में कार्य करेंगे।
‘सबका साथ-सबका विकास’#aksBJP pic.twitter.com/u2sUfEVkIu
— A K Sharma (@aksharmaBharat) June 10, 2021
वहीं, इससे पहले निषाद पार्टी के डॉ. संजय निषाद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। उन्होंने पार्टी की चिंताओं से शाह को अवगत कराया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय सिंह ने कहा कि, पार्टी ने निषादों सहित 14 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
अमित शाह ने दिया आश्वासन
डॉ. संजय सिंह ने निषादों को तालाबों-पोखरों में पट्टे में 10 लाख रुपये फीस लिए जाने के मुद्दे को भी उठाया और साथ ही निषाद समाज की समस्याओं से भी अवगत कराया। कहा यह भी जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह अधिकारियों के साथ बैठ करके इस पर मंथन करेंगे। और जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा।