नई दिल्ली। आज के दौर में जैसे-जैसे समय निकलता जा रहा है। वैसे ही जमीनों की कीमत आसमान छू रही है। महंगाई के इस भयानक दौर में लगातार जमीनों की कीमत बढ़ती ही जा रही हैं। किसी भी देश को देख लो अब जमीनो की कीमत हर सप्ताह बढ़ रही है। हर कोई व्यक्ति अच्छे वातावरण और स्वच्छ शहर में रहने का सपना देखता है। भले ही उसका यह सपना पूरा हो या ना हो। कोई भी किसी शहर में बसने से पहले बजट देखता है। इकोनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट ने 2020 वर्ल्ड वाइड कॉस्ट ऑफ लिविंग सर्वे के आधार पर दुनिया के 130 शहरों की रैकिंग जारी की है। इसमें दुनिया में सबसे सस्तों शहरों की सूची में भारत के दो शहर भी शामिल हैं। वहीं महंगे शहरों में हॉन्गकॉन्ग और पेरिस शामिल हैं।
कोरोना के कारण दो बार हुआ यह सर्वे-
बता दें कि हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया के वो सबसे सस्ते शहर, जहां आप रहने का प्लान बना सकते हैं। इकोनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट ने 2020 वर्ल्ड वाइड कॉस्ट ऑफ लिविंग सर्वे के आधार पर दुनिया के 130 शहरों की रैकिंग जारी की है। इसमें दुनिया में सबसे सस्तों शहरों की सूची में भारत के दो शहर भी शामिल हैं। इसमें सबसे महंगे शहरों की सूची में जहां हॉन्गकॉन्ग और पेरिस शामिल हैं, तो वहीं सबसे सस्ते शहरों की सूची में भारत के बेंगलुरु और चेन्नई को शामिल किया गया है। इस सर्वे के अनुसार दुनिया के सबसे सस्ते शहरों की सूची में पहले और दूसरे नंबर पर एशिया के दो शहर दमिश्क और ताशकंद हैं। सर्वे के अनुसार भारत के दोनों शहर बेंगलुरु और चेन्नई संयुक्त रूप से 9वें स्थान पर हैं, जबकि पिछली रैकिंग की बात की जाए, तो चेन्नई 8वें, बेंगलुरु 9वें और नई दिल्ली 10वें स्थान पर थी। बता दें कि ये सर्वें साल में एक बार किया जाता है, लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना के असर को जानने के लिए दोबारा ये सर्वे किया गया। जिसके बाद 130 शहरों की रैकिंग जारी की गई है। इकॉनमिक इंटेलीजेंस यूनिट द्वारा किये जाने वाले इस सर्वे का आधार कॉस्ट ऑफ लिविंग है।
दुनिया के सबसे सस्ते शहरों की सूची-
दुनिया के सबसे सस्ते शहरों की सूची में पहले नंबर पर दमिश्क, दूसरे पर ताशकंद, तीसरे पर लुसाका और काराकस, पांचवें स्थान पर अल्माटी, छठवें स्थान पर कराची और ब्यूनस आयर्स, आठवें स्थान पर अल्जीअर्स और नवें स्थान पर बेंगलुरु और चेन्नई आते हैं। साफ शब्दों में समझाया जाये तो घर में खाने पीने में होने वाला खर्च, किराया, रोजना ऑफिस आने-जाने में होने वाला खर्च, बिजली-पानी का बिल शामिल होता है। इसके अलावा शहर के ट्रांसपोर्ट, बाजार को भी इस सर्वे में शामिल किया जाता है।