उत्तराखंड में उड़ान योजना को अब जल्द पंख लगने की उम्मीद हैं. उत्तराखंड नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (यूकाडा) उत्तराखंड में हेलीपैड के निर्माण का कार्य जल्द शुरू करने जा रहा हैं. इसके लिए केंद्र सरकार से हेलीपैड निर्माण के मानकों में छूट देने का अनुरोध किया गया हैं.
राज्य में लंबे समय से हवाई सेवाओं को गति देने का सिलसला चल रहा हैं. इसके लिए उड़ान योजना के तहत हेली सेवाओं के संचालन को 13 स्थानों पर हेलीपैड बनाए जाएंगे. अभी फौरी व्यवस्था के तहत देहरादून से चिन्यालीसौड़, देहरादून से टिहरी और देहरादून से गौचर के लिए हेली सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं. इनका संचालन सप्ताह में 3 दिन हो रहा हैं. अन्य सेवाएं अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. इसका कारण कई जिलों में मानकों के अनुसार अभी तक हेलीपैड न बन पाना हैं. हेलीपैड बनाने में सबसे बड़ा रोड़ा इसके कठिन मानक है.
अधिकारियों ने समस्याओं को किया उजागर
दरअसल, मानकों के अनुसार हेलीपैड में पूरा सुरक्षा दस्ता तैनात होना चाहिए. यात्रियों के लिए लांउज और फायर स्टेशन होना चाहिए. इन सब सुविधाओं को विकसित करने के लिए हेलीपैड के आसपास काफी जमीन की आवश्यकता हैं. इसके साथ ही इसमें खर्च भी काफी होगा. उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति के कारण हेलीपैड के विस्तार को जमीन नहीं मिल पा रही हैं. कुछ समय पहले केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव के उत्तराखंड दौरे के दौरान प्रदेश के अधिकारियों ने इन समस्याओं को उनके साथ साझा किया था.
केंद्र सरकार को भेजा प्रस्ताव
इस पर उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन महानिदेशक कार्यालय को इस संबंध में प्रस्ताव भेजने को कहा था, जिसमें इन समस्याओं का जिक्र करते हुए मानकों में छूट दिए जाने की बात हो. अब नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा इसके लिए केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया गया हैं. सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर का कहना है कि जल्द उत्तराखंड में उड़ान योजना के तहत चिह्नित हेलीपैड से हेली सेवाएं शुरू करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.