नई दिल्ली: भारत की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन ने रफ्तार ने ट्रायल रन में रफ्तार के मामले में नया कीर्तिमान बना दिया। ट्रेन-18 रविवार को ट्रायल में 180 किलोमीटर प्रति घंटे से भी तेज रफ्तार से दौड़ी।
शनिवार को ट्रेन 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी थी। रेलवे अधिकारी ने बताया कि स्वदेश निर्मित ट्रेन-18 का परिचालन शुरू होने के बाद यह देश की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन होगी।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया वीडियो
जोर स्पीड का झटका धीरे से लगा: Train 18 exceeds 180kmph during trial. The stability of water bottles at this speed is testament to the quality of workmanship and design of our engineers pic.twitter.com/CImC49ljgm
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 2, 2018
ट्रायल के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर ट्रेन-18 का वीडियो शेयर किया। ट्रेन के इतनी रफ्तार में होने के बाद भी झटके नहीं लग रहे हैं। वीडियो में पानी की बोतलों को दिखाया गया है, जो कि स्थिर हैं। रेल मंत्री ने लिखा, ‘जोर की स्पीड का झटका धीरे से लगा।’
पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत है ट्रेन
ट्रेन-18 देश की पहली ऐसी ट्रेन है, जिसे चलाने के लिए इंजन की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे विशेष तौर पर बुलेट ट्रेन की तर्ज पर तैयार किया गया है। ट्रेन पूरी तरह कंप्यूटरीकृत है और जिस पहले कोच में ड्राइविंग सिस्टम है, वहां 44 लोग बैठ भी सकते हैं। इस साल 29 अक्तूबर को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर कोच फैक्टरी से रवाना किया था।
शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेगी
अगर सब कुछ योजना अनुसार रहा तो शताब्दी एक्सप्रेस की जगह ट्रेन-18 दौड़ेगी। वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ट्रेन 18 भारतीय ट्रैकों पर 200 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार को छूने में सक्षम है। इस वित्त वर्ष में एक और अगले वित्त वर्ष में चार ट्रेन-18 का निर्माण किया जाएगा।