आज देशभर में हनुमान जयंती मनाई जा रही है। हालांकि कोरोना वायरस के चलते भक्त अपने-अपने घरों में रहकर ही पूजा-अर्चना कर रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती के दिन चैत्र मास की शुकल पक्ष को पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस बार हनुमान जयंती पर मंगलवार दिन है जो बेहद शुभ माना जाता है।
भगवान शिव के हैं 11वें अवतार
कथाओं के मुताबिक हनुमान जी भगवान शिव के 11वें अवतार हैं। मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी ने जन्म लिया था, जिस दिन को चैत्र पूर्णमासी भी कहा जाता है। हनुमान जी को बल, बुद्धि और विद्या का प्रतीक माना जाता है। वो भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं इसलिए उन्हें संकंटमोचन भी कहा जाता है। इस दिन भक्त घर में सुंदरकांड का पाठ कराते हैं, ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा आज के दिन विशेष उपाय करने से ग्रह दोष की समस्या भी दूर हो जाती है।
हनुमान चालीसा का भी विशेष महत्व
हनुमान जी का आर्शीवाद प्राप्त करने के लिए हनुमान जयंती का दिन बहुत ही श्रेष्ठ माना गया है। इसीलिए इस दिन धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। हनुमान जी की सेवा मन को शांत और आत्मविश्वास को बढ़ाती है। हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
हनुमान जयंती पर पढ़े सुंदरकांड
कहा जाता है कि रामायण का सुंदरकांड पाठ हनुमान जी को अति प्रिय है। और जो भक्त इस पाठ को मन से करते हैं हनुमान जी की कृपा उन पर हमेशा बनी रहती है। इस अवसर पर विधि पूर्वक हनुमान चालीसा और सुदंरकांड का पाठ करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
शुभ योग और शुभ मुहूर्त
हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर इस बार शुभ योग बन रहा है। पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती पर सिद्धि योग और व्यतीपात योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही सिद्धि योग 27 अप्रैल शाम 08 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती पर शुभ मुहूर्त 27 अप्रैल रात्रि 9 बजकर 01 मिनट तक है रहेगा।
भूलकर भी ना करें ये गलतियां
बहुत कम लोगों को पता है कि हनुमान जी की पूजा में कभी भी चरणामृत का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसलिए आज पूजा के वक्त ऐसा करने से बचें।
हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्तों को हनुमान जयंती के व्रत वाले दिन नमक नहीं खाना चाहिए। साथ ही दान दी गई वस्तु खासकर मिठाई का सेवन न करें।
हनुमान जी की पूजा करते समय काले और सफेद रंग के कपड़े ना पहनें। पूजा में लाल और पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
हनुमानजी की पूजा उस समय वर्जित मानी जाती है जब सूतक लगा हो। और सूतक तब माना जाता है जब परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए।