नई दिल्ली – केंद्र के तीनो नए कृषि कानूनों को लेकर किसानो का विरोध प्रदर्शन जारी है। बता दे कि इसके चलते देश के कई हिस्सों में रैलिया और महापंचायते की जा रही है। इसी श्रंखला में आज किसान संगठनों ने रेल रोको अभियान का ऐलान किया है। यह अभियान दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चलेगा। हालांकि गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान यहीं बैठे रहेंगे।रेल रोको अभियान के तहत पुलिस ने भी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
राकेश टिकैत इस अभियान पर क्या बोले –
इस अभियान पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ये अभियान शांतिपूर्वक किया जायेगा। पहले तो एक दो ट्रेने ही चल रही है। साथ ही जिस ट्रैन को रोका जायेगा उस ट्रैन में हम यात्रियों को पानी पिलायेंगे, फूल चढ़ाएंगे और बताएंगे कि क्या क्या समस्याएं हो रही है। साथ ही हम सरकार से और ट्रेने चलाने की मांग करते है ,क्योकि जनता को बहुत परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है। हालांकि किसान संगठन इस अभियान को सांकेतिक बता रहें हैं लेकिन पुलिस-प्रशासन व रेलवे ने इससे निपटने के लिए तैयारियां मुकम्मल कर ली है।
रेल रोको अभियान को कांग्रेस का समर्थन –
जैसा की आपको पता है कि ,इन तीनो नए कृषि कानूनों को लेकर किसानो का विरोध प्रदर्शन जारी है। जगह जगह महापंचायतों का आयोजन किया जा रहा है। गौरतलब है कि इन महापंचायतो को कांग्रेस नेताओ द्वारा सम्बोधित किया जाता है। जिसकी जानकारी से हम आपको रूबरू कराते रहते है। आज किसानो के रेल रोको अभियान पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि हम भी रेल रोको अभियान का समर्थन करते है। ये तो सरकार ने मजबूर किया है ,पीएम सोचे और काले कानूनों को वापस ले। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी जी को अडानी और अम्बानी जी से इतना प्रेम है कि उनके पक्ष में तो अध्यादेश जारी कर दिया ,लेकिन क्या इसकी आवश्यकता थी ? साथ ही आपको ये भी बता दे कि रेल को ज़बरन रोकना रेलवे एक्ट के तहत कानूनन अपराध है और कार्यवाही हो सकती है। रेलवे की धारा 174 के अनुसार ट्रैक पर बैठकर या कुछ रखकर ट्रैन रोकने पर दो साल की जेल या 2000 रूपए का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।