लखनऊ। शिक्षक कर्मचारी पेंशनर्स अधिकार मंच ने प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण से मृत्यु का शिकार हुए पंचायत चुनाव डियुटी करने वाले शिक्षक और कर्मचारी परिवार एक राहत जरूर महसूस कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि कोरोना में प्रशिक्षण, मतदान और मतगणना के बाद मृत्यु होने पर 30 दिन की अवधि बढ़ाने से अधिकतर कार्मिक और शिक्षकों को इस श्रेणी में आ जाने की संभावना बन गई है। अब लगभग सभी परिवार जिन्होंने अपनों को खोया है, इस श्रेणी में आ जाएंगे।
लेकिन कर्मचारियों और शिक्षकों की मृत्यु के बाद दी जाने वाली तीस लाख की धनराशि को कम बताते हुए सरकार से इसे उच्च न्यायालय प्रयागराज की टिप्पणी और निर्देश के अनुसार कम से कम एक करोड़ दिए जाने की मांग की है।
शिक्षक कर्मचारी पेंशनर्स अधिकार मंच के नेता डा. दिनेश शर्मा, अध्यक्ष, सुशील कुमार प्रधान महासचिव, इं. हरिकिशोर तिवारी अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, रामराज दुबे अध्यक्ष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, सतीश कुमार पाण्डेय अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ, कमलेश मिश्रा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ का एक स्वर में कहना है कि सरकार के आदेशों के क्रम में कोरोना महामारी के बावजूद घर से निकल कर चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था और अव्यवस्थाओं के कारण कोरोना हुआ। अतः सभी कार्मिकों को एक ही तरह की एक करोड़ की अनुग्रह धनराशि ही दी जाये।