केसर का रंग और खूशबू दुनिया को अपनी तरफ खिंचती है। यही कारण है कि, केसर दुनिया के सबसे महंगे मसालों में गिना जाता है। इतता नही नहीं केसर का पौधा सबसे महंगा पौधा भी कहा जाता है। केसर उगाने वाले देशों में भारत समेत फ्रांस, स्पेन, ईरान, इटली, ग्रीस, जर्मनी, जापान, रूस, ऑस्ट्रिया, तुर्किस्तान, चीन, पाकिस्तान और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। भारत में इसकी खेती जम्मू के किश्तवाड़ और जन्नत-ए-कश्मीर के पामपुर पंपोर के सीमित क्षेत्रों में की जाती है।
बाजार में केसर की कीमत ढाई लाख रुपये से तीन लाख रुपये प्रति किलो के बीच है। केसर की कीमत ज्यादा होने की वजह ये है कि, इसके डेढ़ लाख फूलों से लगभग एक किलो सूखा केसर बन पाता है। सोने की तरह महंगा होने की वजह से केसर को ‘रेड गोल्ड’ भी कहा जाता है।
केसर की बढ़ती मांग और महंगा होने की वजह से भारत सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए जम्मू कश्मीर में इसकी खेती बढ़ाई जाने का एलान किया है।
जम्मू कश्मीर में प्रदेश में केसर की पैदावार बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार इसी माह 85 करोड़ रुपये देना की बात कही है। पिछले साल सरकार ने ये बजट 314 करोड़ रखा था।सरकार की तरफ पैकेजिंग, टेस्टिंग और क्वालिटी बढ़ाने के लिए ये फैसला किया गया है।
केन्द्र सरकार ने केसर को लेकर ये फैसला इसलिए किया है। क्योंकि अंतराष्ट्रीय बाजार में लगातार भारतीय केसर की गिरती गुणवत्ता के चलते मांग कम हो गई है। इसलिए केसर की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ये फैसला लिया गया है।
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केंद्र की ओर से ग्रांट जारी करने को लेकर तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। इस संबंधी सूचना भी कृषि विभाग के पास पहुंच गई है। जिसके बाद बहुत जल्द केसर के उत्पादन पर काम शुरू हो जाएगा। सरकार के इस फैसले से केसर की खेती करने वालों किसानों को बड़ा फायदा होगा।