मेरठ: मेरठ में हर साल लगने वाले नौचंदी मेले पर इस बार भी कोरोना का साया दिखाई पड़ रहा है। प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की तीव्रता को देखते हुए एक बार फिर से नौचंदी मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
पिछले साल भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए नौचंदी मेले को स्थगित कर दिया गया था। इस निर्णय के बाद मेला प्रशासन की तरफ से की जा रही सारी कोशिशों पर विराम लग गया है।
11 अप्रैल को होना था आयोजन
बता दें कि हर साल होली के बाद ये मेला लगता है। इस बार ये मेला 11 अप्रैल को आयोजित होने वाला था। मेले को लेकर तैयारियां पूर्ण की जा रही थीं तभी प्रशासन की तरफ से इसे रद्द करने का फैसला सामने आ गया। इस मेले पर इस बार करीब दो करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान लगाया गया था।
मेरठ में फूटा है ‘कोरोना बम’
जिला प्रशासन ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नौचंदी मेला रद्द करने का फैसला लिया है। मेरठ में इस समय कोरोना बम फूटा हुआ है। जिले में तेजी से कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। आगरा और मथुरा में कोरोना के अफ्रीकी स्ट्रेन मिलने से मेरठ को हाई रिस्क जोन में रखा गया है।
क्या है नौचंदी मेला
नौंचदी मेला यूपी के लोकप्रिय मेलों में से एक है। नौचंदी मेरा हर साल मेरठ में लगता है। ये मेला मेरठ की शान है और हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक भी है। दरअसल यहां पर एतिहासिक नवचंडी देवी का मंदिर है और इसके बगल में बाले मियां की दरगाह है।
यहां जहां मंदिर में भजन कीर्तन होते रहते हैं वहीं दरगाह में उसी समय कव्वाली भी होती रहती है। इस दौरान यहां सांप्रदायिक सद्भाव की भी मिसाल देखने को मिलती है। इस मेले की खास बात ये है कि ये मेला रात में लगता है और दिन में नौचंदी मैदान खाली हो जाता है।
लखनऊ से चलती है नौचंदी एक्सप्रेस
इसी मंदिर के नाम से इस मेले का नाम नौचंदी पड़ा है। नौचंदी मेले की इसी लोकप्रियता से प्रभावित होकर रेलवे प्रशासन नौंचदी एक्सप्रेस नाम की एक ट्रेन भी पिछले कई सालों से चलवा रहा है। ये एकमात्र ट्रेन है जो राजधानी लखनऊ को मेरठ से जोड़ती है।