विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि WHO के महानिदेशक टेड्रोस अलोम घेब्रेयसस ने चेतावनी दी कि धूम्रपान करने वाले लोगों को कोविड-19 के कारण मरने का खतरा 50 प्रतिशत तक अधिक होता है।
आपको बता दें WHO ‘कमिट टू क्विट टोबैको’ अभियान की शुरुआत की है। टेड्रोस अलोम घेब्रेयसस ने कहा कि धूम्रपान करने वालों को कोरोनावायरस, कैंसर, हृदय रोग और श्वसन संबंधी बीमारियां होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
WHO ने शुरू किया अभियान
उन्होंने कहा कि हम सभी देशों से आग्रह करते हैं कि वे डब्ल्यूएचओ के अभियान में शामिल होकर और तंबाकू मुक्त वातावरण बनाकर अपनी भूमिका निभाएं। ताकी लोग धूम्रपान को छोड़ सकें। लोगों को धूम्रपान तंबाकू छोड़ने और तंबाकू मुक्त रहने में मदद करने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई है। उन्होंने बताया कि ‘क्विट चैलेंज’ धुम्रपान करने वालों को व्हाट्सएप, वाइबर, फेसबुक मैसेंजर और WeChat पर छह महीने के लिए टिप्स और प्रोत्साहन सूचनाएं देगा।
भारतीय स्वास्थ्य मंत्री को किया गया सम्मानित
वहीं आपको बता दें भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को देश में ई-सिगरेट और गर्म तंबाकू उत्पादों (एचटीपी) पर प्रतिबंध लगाने के 2019 राष्ट्रीय कानून के कारण तंबाकू नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ प्रमुख से विशेष मान्यता पुरस्कार प्राप्त हुए।
भारत एक साल पहले ही कर चुका है ये टिप्पणी
आपको बता दें कि भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इसी तरह की टिप्पणी किए जाने के करीब एक साल बाद कोविड-19 से धूम्रपान करने वालों के बारे में डॉ टेड्रोस की टिप्पणी आई है। इसमें कहा गया था कि धूम्रपान करने वाले सार्स-सीओवी-2 से अधिक असुरक्षित हैं । क्योंकि धूम्रपान ने हाथ से मुंह तक वायरस के संचारण की संभावना को बढ़ाया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने दस्तावेज ‘कोविड-19 महामारी और भारत में तंबाकू का उपयोग’ में कहा था कि विशेषज्ञों ने इस बात की पुष्टि की है कि धूम्रपान करने वालों को गंभीर लक्षण विकसित करने या कोविड-19 से मरने के लिए अधिक जोखिम में खड़ा पाया गया है । क्योंकि वायरस शुरू में मानव फेफड़ों को प्रभावित करता है। उसने ऐसे किसी भी उत्पाद के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी थी।