नई दिल्ली: भारत में कोरोना का दूसरी लहर कहर बरपा रही है। इस बीच अब कोरोना के खिलाफ जंग तेज होने वाली है। क्योंकि जल्द ही रूस की वैक्सीन स्पुतनिक की पहली खेप भारत पहुंचने वाली है। अनुमान है कि एक मई तक रूस की वैक्सीन भारत पहुंच जाएगी। रूसी वैक्सीन के रिचर्च समूह के प्रमुख किरिल दमित्रिव ने यह बात सीएनएन के साथ इंटरव्यू में कही।
लेकिन अभी तक यह नहीं साफ हो पाया है कि पहली मई को वैक्सीन की कितने डोज भेजे जाएंगे। एक अनुमान के मुताबिक आने वाले दिनों में 5 करोड़ वैक्सीन भारत को भेजे जाएंगी। भारत में इस वैक्सीन का आयात शरूआत में डॉ. रेड्डी लैब्स के माध्यम से किया जाएगा।
स्पुतनिक-वी ज्यादा कारगार
स्पूतनिक-वी को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की तुलना में ज्यादा कारगर माना जा रहा है। रूस के गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट का दावा है कि स्पूतनिक वी 91.6 प्रतिशत प्रभावी है, जबकि कोविशील्ड को 80 फीसदी और कोवैक्सीन को 81 फीसदी तक प्रभावी बताया गया है।
फिलहाल भारत में एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के जरिए पूरे देश में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। स्पुतनिक वी के आने जाने से देश की इन दो वैक्सीन पर निर्भरता कम हो सकेगी।