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मन को सकून देने वाला सावन महीने का शोर आज से शुरू, ऐसे उठाएं इस मौसम का लुत्फ

lord shiva sawan mah मन को सकून देने वाला सावन महीने का शोर आज से शुरू, ऐसे उठाएं इस मौसम का लुत्फ
  • त्रिनाथ मिश्र, भारत खबर

मेरठ। कहते हैं कि सावन के महीने में माहौल एकदम चुस्त दुरुस्त और मन को शांति प्रदान करने वाला होता है। धर्म ग्रंथों में भी श्रावण माह यानी सावन का बेहद महत्व बताया गया है और इसके आने पर तमाम प्रकार की सकारात्मक उर्जाओं के आगमन का भी वर्णन किया गया है।

आदि देव भगवान शिव को सबसे प्रिय लगने वाला श्रावण मास अनेक फल प्रदान करने वाला होता है। कहते हैं कि इस मसह में किया गया प्रत्येक प्रयास मन को सकून प्रदान करने वाला होता है। देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे श्रावण माह में कठोर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था। अविवाहित पुरुषों के लिए भी सावन का माह बेहद शुभ संकेत देने वाला होता है।

मस्ती और भक्ती का मिलाजुला संकेत जब हो जाए तो दिलवर से इश्क कर लेना

कहते हैं कि जब मन में शांति और दिल में कोई शुभ संकेत मिलने शुरू हो जाएं तो उसका लुत्फ लेने में कभी चूकना नहीं चाहिए जब आप चूकने की ओर चले जाते हेा तो आपके जीवन में आने वाली तमाम परेशानियां और भी निकट आने को तैयार होने लगती हैं लेकिन जब मस्ती और भक्ती का मिलाजुला संकेत जब हो जाए तो दिलवर से इश्क कर लेना चाहिए।

सावन में हिन्दू धर्म का पवित्र और बेहद शान्तिपरक त्योहार के रूप में सावन को मनाया जाता है। कहते हैं कि सोमवार का प्रतिनिधि ग्रह चंद्रमा है जो मन का कारक होता है। कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार सावन के सोमवार पर शिवलिंग की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।

इसे भी जानें:

  • कहीं से भी अपने घर वापस आते समय भगवान शिव से प्रार्थना करें और अपने मन की इच्छा कहें।
  • ॐ पार्वती पतये नमः मंत्र का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें।
  • यदि जन्म कुंडली के सातवें भाव में पापी ग्रह सूर्य मंगल शनि हो तो दांपत्य जीवन में खटास आती है।
  • सप्तम भाव पर भी अधिक पापी ग्रहों की दृष्टि हो और सप्तम भाव का स्वामी अस्त हो तो भी दांपत्य जीवन में खटास रहती है।
  • पति पत्नी दोनों मिलकर पूरे श्रावण मास दूध, दही, घी, शहद और शक्कर अर्थात पंचामृत से भगवान शिव शंकर का अभिषेक करें।
  • भगवान शिव के मंदिर में शाम के समय गाय के घी का दीपक संयुक्त रूप से ही जलाएं।

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