अजीमुल्ला खां
अजीमुल्ला खां को 1857 की क्रांति का अहम हिस्सा माना जाता है। ये 1857 की क्रांति के प्रमुख स्तभों में से एक थे। जिन्होंने इस क्रांति में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। इन्होंने नाना साबह दंतोपंत को साथ मिलकर क्रांति की योजना बनाई थी। इसके साथ ही खां ने कई तीर्थ स्थलों की दौरा किया और जगह-जगह क्रांति का संदेश फैलाया।
अमर चंद बांठिया
अमर चंद बाठिया 1857 की क्रांति के वो देशभक्त हैं जिन्होंने जंग तो नहीं की लेकिन ऐसे वक्त में देश के काम आए जब झांसी की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई तथा उनके साथ राव साहब और तात्या टोपे सभी अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध करने के लिए ग्वालियर के मैदान-ए-जंग में आ डटे थे। उस समय झांसी की रानी की सेना और ग्वालियर के विद्रोही सैनिकों को कई महीनों से वेतन तथा राशन की परेशानी से जूझना पड़ा था। देश के ऐसे समय में अमरचंद बांठिया आगे आए और महारानी लक्ष्मीबाई के एक इशारे पर ग्वालियर का सारा राजकोष विद्रोहियों के हवाले कर दिया। जिससे उन्होंने 1857 की क्रांति में बिना लड़ाई लड़े ही देशभक्त और कोषाअध्यक्ष अमर शहीद कहलाए।
रानी नक़वी