लखनऊ। कोरोना के कहर पूरा देश कराह रहा है। हर ओर नकारात्मक खबरों का शोर है। कोरोना के काल के गाल में कई युवा भी समा गए। लेकिन, 85 साल के कैलाश चंद्र जैन ने कोरोना को मात देकर दृढ़ इच्छाशक्ति की मिसाल कायम की है।
लखनऊ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जैन आठ अप्रैल को कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पीजीआई में भर्ती हुए थे। वहां पर उनका टी-3 वॉर्ड में इलाज चला। दस दिन तक चले इलाज के बाद आखिरकार कोरोना पर उन्होंने विजय पा ली। वह अब पीजीआई से डिस्चार्ज होकर अपने घर आ गए हैं। अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
कैलाश चंद्र ने बताया कि कोरोना से लड़ना है तो खुद को मानसिक तौर पर बहुत मजबूत रखना होगा। दवाएं भी तभी असर करती हैं जब आप सकारात्मक हों। कोरोना के खौफ से लोग सदमे में हैं। यह नहीं होना चाहिए। हमने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर कई चुनौतियों को हराया है और जल्द ही कोरोना को भी मात देंगे।
लखनऊ सराफा एसोसिएशन के संगठन मंत्री आदिश कुमार जैन कहते हैं कि कोरोना का स्ट्रेन इस बार खतरनाक जरूर है। लेकिन, इसे हम हरा नहीं पाएंगे, यह कहना गलत है। अगर हम सकारात्मक विचार रखें तो सारी चीजें आसान होती जाएंगी।
आदिश कुमार जैन ने कहा कि हमारे अध्यक्ष ने 85 साल की उम्र में कोरोना को मात देकर एक उदाहरण पेश किया है। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति ने कोरोना को परास्त करने में अहम भूमिका निभाई। वे हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।