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कंधार कांड को पूरे हुए 18 साल, अपने उस फैसले का खामियाजा आज भी उठा रहा भारत

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नई दिल्ली।  24 दिसंबर 1999 को नेपाल के त्रिभुवन एयरपोर्ट से इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर-814 ने उड़ान तो दिल्ली के लिए भरी थी, लेकिन वो फ्लाईट दिल्ली पहुंचने के बजाए अफगानिस्तान के कंधार में पहुंच गए। फ्लाईट को आतंकवादी हाईजैक करके कंधार ले गए, जोकि आगे चलकर कंधार कांड कहलाया।  अपने गंतव्य की ओर पहुंचने से पहले ही अपहर्ताओं ने अमृतसर में लैंड करवाया। यहां विमान कुछ देर के लिए, रूका और फिर यहां से इसे लाहौर के लिए उड़ा दिया गया। इस मामले में पाकिस्तान की सरकार द्वारा अनुमति दिए बिना, विमान रात्रि 8.07 बजे लाहौर में लैंड करवाया गया। इसी बीच भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को विमान के अपहृत होने की जानकारी मिली। इस विमान को लाहौर से अफगानिस्तान ले जाया गया। आतंकियों और भारत सरकार के बीच इस अपहरण कांड को लेकर 8 दिनों तक बातचीत चलती रही।

बाद में सरकार को आतंकियों की मांग के आगे झुकना पड़ा मगर सरकार ने दावा किया कि आतंकियों की मांगों को कम करने में सरकार सफल रही। विमान दुबई के रास्ते कंधार के आसमान में पहुंचा। जहां इसे कंधार एयरपोर्ट पर लैंड करवाया गया। कंधार पर तालिबानी आतंकियों का प्रभाव था। विमान में सवार करीब 180 यात्री अपहरण होने से सहम गए थे। कोई भी आतंकियों के खिलाफ, कार्रवाई करने या उनका विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।FL06TERROR3 2284617g कंधार कांड को पूरे हुए 18 साल, अपने उस फैसले का खामियाजा आज भी उठा रहा भारत

इसी बीच एक यात्री ने अपहर्ताओं का विरोध किया तो उसे अपहर्ताओं ने मार दिया। उस पर चाकू से कई वार किए गए थे। इसकी पहचान रूपेन कत्याल के तौर पर हुई। आतंकियों ने सरकार को धमकी दी थी कि, वह आतंकी मौलाना मसूद अजहर और अन्य साथियों की रिहाई को लेकर थी। उनका कहना था कि, भारत सरकार उन्हें 36 चरमपंथी साथियों के साथ करीब 20 अमेरिकी डाॅलर दे दे।

भारत सरकार को आतंकियों की ये बात माननी पड़ी। हालांकि, विमान में सवार एक यात्री सिमोन बरार की तबियत खराब होने के कारण, उसे छोड़ने की अपील की गई। जब भारत सरकार और आतंकियों के बीच बातचीत हो गई तो अपहर्ता विमान से उतरे और वहां मौजूद वाहनों में सवार होकर वहां से चले गए। भारत सरकार ने 31 दिसंबर को इस मामले में किए गए समझौते की घोषणा की, लेकिन उस दौरान किया गया ये फैसला आजतक भारत के लिए टिस बना हुआ है।

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