रेवाड़ी। बीएसएफ से बर्खास्त हुए जवान तेज बहादुर गुरुवार (20-4-17) को अपने घर रेवाड़ी पहुंचे जहां पर उनका पत्नी और अन्य लोगों ने स्वागत किया। वहां पर मौजूद मीडिया से बात करते हुए तेज बहादुर ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया लेकिन फिर भी सजा दी गई। अगर सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो वो इस कदम के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
इसके साथ ही जवान ने कहा कि कोर्ट में वर्दी पहनकर ही जाएंगे और उसी के साथ इंसाफ की जंग लड़ेगें। उन्होंने कहा कि वो अपनी सैलरी में किसी भी तरह का इजाफा नहीं चाहतें हैं बस ये चाहते हैं कि देश की सुरक्षा में तैनात जवानों को अच्छा खाना मिले और समय पर छुट्टियां मिले। हालांकि उन्होंने कहा कि वो इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करने की कोशिश करेंगे।
मीडिया ने बचाई मेरी जान:-
अपनी बर्खास्तगी के बारे में तेज बहादुर ने आगे कहा मुझे पेंशन और रिटायरमेंट के कागजात तैयार करने को कहा गया। लेकिन बाद में मुझे पद से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि मुझे पद से हटाने के बाद किसी भी तरह की पेंशन और रिटायरमेंट का फायदा नहीं मिलेगा। मेरे साथ फेयर ट्रायल नहीं हुआ है मैं अपने साथी को गवाह के तौर पर पेश करना चाहता था पर ऐसा नहीं हो सकता। वीडियो पोस्ट करने के बाद से ही खाने में करीबन 70 फीसदी सुधार हो चुका है। वीडियो के सोशल मीडिया पर आने के बाद मेरे ऊपर काफी दवाब बनाया गया लेकिन मीडिया की वजह से मेरी जान बची।
वहीं इस पूरे मामले में तेज की पत्नी शर्मिला का कहना है कि हमें पूरे देश और रेवाड़ी से इस मुद्दे पर काफी समर्थन मिला है। लेकिन मंत्रियों ने उम्मीदों को तोड़ा है। बर्खास्तगी करने का फैसला पूरी तरह से गलत है 20 साल से ऊपर की नौकरी की और अब बर्खास्त कर दिया।
बता दें कि तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर खाने के कुछ वीडियो शेयर किए थे। इन वीडियो में उसने खाने की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाया था जिस पर गृहमंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले पर कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी बैठी जिसने बुधवार (19-4-17) को उसे बर्खास्त कर दिया। कोर्ट का मानना है कि जवान वीडियो पोस्ट करके बीएसएफ की छवि को खराब करने की कोशिश की जिसके वजह से ये कदम उठाया गया।