नई दिल्ली। चुनाव के दौरान पार्टियों द्वारा किए जाने वाले चुनावी वादों को लेकर प्रधान न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर ने शनिवार को कहा कि जो राजनीतिक दल अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं करते हैं उन्हें जवाबदेह होना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि चुनावी वादे लगातार पूरे नहीं किए जा रहे और चुनावी घोषणा पत्र महज कागज के टुकड़े साबित हो रहे हैं, इससे आम जनता ठगी सी नजर आती है।
चुनावी मुद्दों के संदर्भ में आर्थिक सुधार विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि राजनीतिक दल सदस्यों के बीच आमसहमति के अभाव जैसे बेकार के बहाने बनाते हैं। उन्होंने कहा कि मुफ्त चीजें बांटने की घोषणाओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को दिशा-निर्देश तैयार करने के आदेश दिए जाने के बाद ही आयोग आचार संहिता उल्लंघन के लिए राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।
राजनीतिक पार्टियों के इस रवैये पर अफसोस जताते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि अब समय आ गया है जब चुनाव सुधार पर जोर दिया जाए, उन्होंने कहा कि चुनावों में क्रय शक्ति का कोई स्थान नहीं है। उम्मीदवारों को ध्यान रखना चाहिए कि वे कोई निवेश नहीं कर रहे, बल्कि चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसा करने से उनपर जनता का विश्वास बना रहेगा।