नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के मसले पर गुजरात पुलिस का दावा है कि उन्होंने अपने पति जावेद आनंद के साथ मिलकर निजी जरूरतों के लिए एनजीओ फंड का इस्तेमाल किया है। दावे के अनुसार 2002 में हुए गुजरात के दंगों के वक्त एनजीओ को मिले लगभग 10 करोड़ रुपये में तीस्ता दंपत्ति ने करीब 4 करोड़ रुपये का खुद के लिए इस्तेमाल किया है। पुलिस के अनुसार इस के दस्तावेज भी उनके पास हैं। ये फंड एनजीओ चलाने वाले इस दंपति को वर्ष 2002 में दंगा पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए मिला था।
गुजरात हाई कोर्ट ने जब सीतलवाड़ और उनके पति की अग्रिम जमानत याचिक को खारिज कर दिया था तो सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सीतलवाड़ से पुलिस को उन दस्तावेज को देने को कहा था जिसकी वह जांच के लिए मांग कर रही है। वहीं तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद ने पुलिस पर उन्हें उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था।
पुलिस ने सीजेपी, सबरंग, तीस्ता और आनंद के 2007 से 2014 तक बैंक खातों की जांच की। पुलिस ने बताया कि इस दंपती के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, मुंबई के खातों में 31 दिसंबर, 2002 तक कोई रकम नहीं थी, लेकिन जनवरी 2003 से दिसंबर 2013 के बीच आनंद ने इसमें 96.43 लाख और सीतलवाड़ ने 1.53 करोड़ रुपये डाले।