नई दिल्ली। तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले में वेदांता ग्रुप की कंपनी स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ हिंसक प्रदर्शन में 9 लोग मारे गए हैं। इसमें 40 से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हुए हैं जिनमें कई पत्रकार और कैमरापर्सन भी हैं। लोग महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि स्टरलाइट फ़ैक्ट्री से इलाक़े में प्रदूषण फैल रहा है. मंगलवार को यह प्रदर्शन हिंसक हो गया।
बता दें कि इस दौरान आम लोगों और पुलिस में झड़प हुई और पुलिस की गोलीबारी में नौ लोग मारे गए। पुलिस का कहना है कि जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू किया तो लाठी चार्ज किया गया था। पुलिस के मुताबिक़ हालात नियंत्रण से बाहर हो गए तब पुलिस ने गोली चलाई। स्थानीय लोग इस प्लांट को बंद करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस प्लांट से प्रदूषण के कारण सेहत से जुड़ी गंभीर समस्या का संकट खड़ा हो गया है।
वहीं इस कंपनी ने हाल ही में शहर में अपनी और यूनिट बढ़ाने की घोषणा की थी। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इस तटीय शहर में भारी पुलिस बलों की तैनाती की गई है। पड़ोसी ज़िले मदुरई और विरुधुनगर से अतिरिक्त पुलिस बलों को बुलाया गया है। डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने पुलिस की गोलीबारी की कड़ी निंदा की है। राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों से शांति बरतने की अपील की है और प्लांट के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
स्टरलाइट कॉपर फ़ैक्ट्री में क्या बनता है?
यहां पर धातु गलाया जाता है और एक साल में चार लाख टन तांबे का तार बनता है। वेदांता ब्रिटेन की कंपनी है यह उसकी सब्सिडरी है। कंपनी की योजना है कि वो हर साल 80 हज़ार टन तांबे के तार का उत्पादन करे। तूतीकोरिन ज़िले की इस यूनिट पर प्रदूषण को लेकर कई गंभीर आरोप हैं। वेदांता को लेकर भारत के कई राज्यों में विवाद हो चुका है।