उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं। बढ़ती उम्र का सबसे ज्यादा असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है और इसके कमजोर होने से डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी कई बीमारियां होने लगती हैं। महिलाओं के लिए 30 साल की उम्र बहुत मायने रखती है। इस उम्र में तमाम जिम्मदारियों और मानसिक दबाव के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो जाता है। जिसका असर सेहत पर पड़ता है। 30 की उम्र में कई तरह के हार्मोनल बदलाव भी होते हैं।
यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स इस उम्र की महिलाओं को BODY CHECKUPS कराने की सलाह जरूर देते हैं। 30 की उम्र पार करते हुए आप ढेर सारे परिवर्तनों से गुजरती हैं। ये शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलाव हो सकते हैं। अगर आप भी इस समय इस पड़ाव से गुजर रहीं हैं, तो अपना खास ख्याल रखे. इस उम्र में जीवन के कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने का समय होता है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया के जमाने में आपके हर निर्णय की तुलना दूसरों से की जाती है। शादी, बच्चे, परिवार संभालना, करिअर पर फोकस करना, अपने जीवन की अपने माता-पिता से तुलना करना, आदि इन सबके बीच आपका शारीरिक बदलाव भी 30 के दशक का हिस्सा होता है।
वहीं 30 साल की उम्र के बाद, आपके शरीर से टिशू खोने लगते हैं। आपकी मांसपेशियां, लीवर, किडनी और अन्य अंगों में से कुछ सेल्स कम होने लगते हैं। आप अट्रॉफी (atrophy) के दौर से गुजरती हैं। 30 के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती है। टिश्यू लॉस आपके शरीर में पानी की मात्रा को कम कर देता है।जिससे फैट बढ़ने का जोखिम पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ जाता है। इतने सारे बदलावों के बीच आपको यह जानना जरूरी है कि उम्र के इस पड़ाव का सामना कैसे किया जाए।