नई दिल्ली: स्पॉट फिक्सिंग मामले में बीसीसीआई द्वारा आजीवन बैन किए गए तेज गेंदबाज एस श्रीसंत की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार ली है. उनके भाग्य का फैसला आठ हफ्ते बाद होगा जब याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
जीवन भर क्रिकेट खेलने पर बैन लगाया
बीसीसीआई ने स्पॉट फिक्सिंग के मामले को लेकर 2013 में श्रीसंत के जीवन भर क्रिकेट खेलने पर बैन लगाया था. 2015 में श्रीसंत को मामले में बरी कर दिया गया. इसके बाद 2017 में केरल हाई कोर्ट ने श्रीसंत पर लगे बैन को बहाल कर दिया था. जिसके बाद श्रीसंत ने केरल हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस ए एम खानविलकर एवं डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘याचिका को आठ हफ्ते बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है.’’ क्रिकेटर ने पूर्व में कोर्ट से कहा था कि जीवन भर क्रिकेट खेलने पर लगाया गया प्रतिबंध बेहद कड़ी सजा है और वह पिछले पांच साल से नहीं खेल रहे हैं जोकि पर्याप्त सजा है.
आईपीएल में लगा था यह आरोप
गौरतलब है कि 2013 में आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के कथित आरोपों के चलते श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था। आरोप था कि वह जनार्दन नाम के बुकी के काफी करीब थे। यह भी आरोप था कि जनार्दन ने उन्हें आईपीएल के दौरान किसी खास ओवर में कुछ खास रन देने पर पैसे देने का वादा किया था औऱ श्रीसंत ने इशारा देने के लिए बॉलिंग के वक्त अपने ट्राउजर पर तौलिया लटकाया था।