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अमेरिका को फाइटर जेट निर्यात करेगा भारत, हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड ने अमेरिकी नौसेना की ग्लोबल आरएफआई पर किया रेस्पोंड

20c00aab 5973 4e4a 8c04 6283d171dd19 अमेरिका को फाइटर जेट निर्यात करेगा भारत, हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड ने अमेरिकी नौसेना की ग्लोबल आरएफआई पर किया रेस्पोंड

नई दिल्ली। भारत आए दिन अपनी रक्षा शक्ति बढ़ाने के लिए दूसरे देशों से समझौते करता रहता है। पहली की अपेक्षा भारत की रक्षा प्रणाली मजबूती की तरफ बढ़ रही है। इसी के साथ ही पहले भारत अपनी रक्षा प्रणाली बढ़ाने के लिए दूसरे देशों से हथियार खरीदता था। लेकिन अब भारत भी लड़ाकू विमान देने के लिए तैयार है। रक्षा-क्षेत्र में एक्सपोर्ट की दिशा में भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है। पहली बार सरकारी उपक्रम, हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने अमेरिका नौसेना की जरूरत के लिए ट्रेनिंग फाइटर जेट की खरीद प्रक्रिया में हिस्सा लिया है। अभी तक भारत अपने जरूरत के हथियार, तोप और एयरक्राफ्ट्स अमेरिका से खरीदता आया है। लेकिन अब भारत भी अमेरिका को लड़ाकू विमान देने के लिए तैयार है। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि अमेरिकी नौसेना की आरएफआई के लिए दुनियाभर की कितनी एविएशन-कंपनियों ने रेस्पोंड किया है।

जानें क्या है आरएफआई-

बता दें कि हाल ही में अमेरिका नौसेना ने अंडरग्रैजुयेट जेट ट्रैनिंग सिस्टम के लिए एक ग्लोबल आरएफआई (यानि रिक्यूस्ट फॉर इंफोर्मेशन) जारी की थी। आरएफआई किसी भी हथियार या सैन्य साजो सामान को खरीदने की लंबी प्रक्रिया का पहला चरण होता है। इसके तहत अमेरिकी नौसेना एयरक्राफ्ट कैरियर (विमानवाहक युद्धपोत) पर ट्रेनिंग के लिए फाइटर जेट खरीदना चाहती है और उसके लिए ही दुनियाभर की उन कंपनियों से जानकारी मांगी थी। जो एयरक्राफ्ट कैरियर पर ऑपरेशन्स करने वाले (ट्रेनिंग) लड़ाकू विमान बनाती हैं। सूत्रों के मुताबिक, क्योंकि एचएएल ने हाल ही में भारतीय नौसेना के लिए एलसीए-नेवी विमान तैयार किया है और उसके एयरक्राफ्ट कैरियर (आईएनएस विक्रमादित्य पर) सफल परीक्षण भी हो चुके हैं। इसीलिए हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड ने अमेरिकी नौसेना की ग्लोबल आरएफआई पर ‘रेस्पोंड’ किया है। सूत्रों की मानें तो जिस ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट की जानकारी एचएल ने अमेरिकी नौसेना से साझा की है उसमें लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट, एलसीए-मार्क1 की तकनीक होगी, जो मौजूदा एलसीए-तेजस से काफी एडवांस है। एचएएल इस तरह के 83 (एलसीए मार्क-वन) लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के लिए तैयार कर रही है।

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार आयात करने वाले दो देशों की लिस्ट में शुमार-

हालांकि सब की निगाहें अब इस तरफ लगी हैं कि अगर आएफआई में भारत का ट्रेनर जेट सफल हो जाता है तो क्या वो आरएफपी यानि रिक्यूस्ट फॉर प्रपोजल की श्रेणी में पहुंच पायेगा। आपको बता दें कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार आयात करने वाले दो देशों की लिस्ट में शुमार है, सिर्फ सऊदी अरब ही भारत से ऊपर है। भारत खुद अमेरिका से राइफल (सिगसोर) से लेकर तोप (एम-777), ड्रोन (सी-गार्जियन), एयरक्राफ्ट्स (सी130जे सुपर हरक्युलिस, सी-17 ग्लोबमास्टर, पी8आई) और दूसरे सैन्य साजो सामान निर्यात करता आया है। लेकिन हाल के वर्षों में भारत हथियारों का निर्यात भी करता चाहता है। इसके लिए मोदी सरकार ने वर्ष 2025 तक 35 हजार करोड़ का लक्ष्य रखा है. एचएएल के ट्रेनर एयरक्राफ्ट के साथ साथ भारत एलएसीए-तेजस, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और स्वाथी वैपन लोकेटिंग रडार सिस्टम को एक्सपोर्ट करना चाहता है।

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