नई दिल्ली: पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने विवादास्पद नेशनल रिकंसिलिएशन ऑॢडनेंस (एनआरओ) के कारण हुए नुकसान की भरपाई से जुड़े एक मामले में बीते दिनों सुनवाई की। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और आसिफ अली जरदारी की संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है।
2007 में एनआरओ हुआ था लागू
उच्चतम न्यायालय ने सभी प्रतिवादियों को आदेश दिया है कि वे अदालत में हलफनामा दायर कर विदेशों में अपनी संपत्तियों के साथ साथ विदेशों में अगर उनकी कोई कंपनी है तो उसका भी ब्यौरा दें। बता दें तत्कालीन राष्ट्रपति रहे मुशर्रफ की सरकार ने अक्तूबर 2007 में एनआरओ लागू किया था। जुसके बाद पाकिस्तान को भारी नुक्सान का सामना करना पड़ा था। वहीं अध्यादेश के तहत नेताओं के खिलाफ मामलों को हटा लिया गया जिससे कई नेताओं की स्वदेश वापसी का रास्ता साफ हो गया था।
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने आदेश दिया है कि पूर्व अटॉर्नी जनरल मलिक कय्यूम भी अपनी संपत्तियों का ब्यौरा कोर्ट को दें। तीन जजों की पीठ ने लॉयर्स फाउंडेशन फॉर जस्टिस के अध्यक्ष वकील फिरोज शाह गिलानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है।