सुपर साइक्लोन ‘अम्फान’ ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी तबाही मचाने के बाद अब कमजोर पड़ गया है।
नई दिल्ली। सुपर साइक्लोन ‘अम्फान’ ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी तबाही मचाने के बाद अब कमजोर पड़ गया है। पश्चिम बंगाल में चक्रवात अम्फान ने भारी तबाही मचाई है। बंगाल में भले ही अब अम्फान का खतरा खत्म हो गया हो लेकिन दूसरे बड़े संकट ने सरकार की परेशानी और बढ़ा दी है। चक्रवाती तूफान अम्फान के खतरे को देखते हुए लाखों की संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों में बने शेल्टर होम में रखा गया था लेकिन अब कोरोना महामारी के बीच क्लस्टर का खतरा बढ़ गया है।
देबासी श्यामल समुद्र में मछली पकड़ने का काम करते हैं। सुपर साइक्लोन अम्फान के आने से कुछ मिनट पहले ही वह अपने परिवार के साथ सरकारी शेल्टर होम पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी। मैं पूरी रात अंधेरे में जागता रहा और बाहर गाड़ियों की आवाज सुनता रहा। इस दौरान कोई भी कोरोना वायरस के बारे में नहीं सोच रहा था। हम सिर्फ जिंदा रहने की कोशिश कर रहे थे।
चक्रवात तो अब कमजोर पड़ चुका है लेकिन कोरोना वायरस की महामारी अभी भी लोगों की जानपर आफत बनी हुई है। पिछले 48 घंटों में भारत के गरीब राज्यों में से एक पश्चिम बंगाल में 77 लोगों की मौत चक्रवात के चलते हुई है जबकि 9 लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई है। चक्रवात से पहले ही पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के संक्रमण का असर अन्य राज्यों की तुलना में कम था। हालांकि अब जिस तरह के हालात बन गए हैं उसके बाद राज्य सरकार के सामने चक्रवात के मची तबाही और कोरोना महामारी से निपटना दोहरी चुनौती बन गया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, मैंने पहले कभी ऐसी आपदा नहीं देखी। चुनौतियां कई हैं। भीड़ शेल्टर होम में जमा हैं और इससे कोरोना वायरस के समूह में उभरने का डर मंडरा रहा है। इसी के साथ चक्रवात और बाढ़ से उत्पन्न होने वाली बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है। इसी के साथ जो लोग मुंबई और अन्य राज्यों से वापस पश्चिम बंगाल की ओर लौट रहे हैं उनसे कोरोना महामारी का खतरा बढ़ गया है।
पीएम ने किया 1000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में अम्फान प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद शुरुआती तौर पर 1000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है। इसके अलावा जल्द ही केंद्र की एक टीम राज्य में आकर विस्तार से सर्वे करेगी। कोरोना संकट से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के 57 दिनों के बाद प्रधानमंत्री दिल्ली से बाहर निकले। जनता कर्फ्यू से काउंट करें तो देश में लगे लॉकडाउन को 59 दिन हो गए हैं। इस बीच प्रधानमंत्री दिल्ली में ही रहे हैं। इतने दिनों में उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय बैठकों में हिस्सा लिया। वहीं, लॉकडाउन से पहले पीएम मोदी आखिरी बार 83 दिन पहले 29 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और चित्रकूट के दौरे पर गए थे।