लद्दाख सीमा पर लगातार भारत और चीन के बीच गतिरोध बढ़ता जा रहा है। चीन अपने नापाक इरादों को पूरा करन के लिए नये से नये हथकंडे अपना रहा है।
इस बीच चीन के नापाक मनसूबों के पीछे की हकीकत सामने आयी है। चीन की नजर लद्दाख में मौजूद भारत के हिस्से पर नहीं है। बल्कि चीन लद्दाख में मौजूद सोने की खान पाना चाहता है।
चीनी सेना के हजारों सैनिक गलवान रिजन में 3 स्थानों पर भारतीय इलाके में घुस आए हैं। चीनी सैनिक पैंगोंग सो झील से सटे फिंगर एरिया में बंकर बना रहे हैं।
खबरों की मानें तो चीनी सैनिक न केवल सामरिक उद्देश्य से बल्कि एक और बेहद खास उद्देश्य से भारत को भारतीय क्षेत्र में ही सड़क बनाने से रोक रहा है।
आपको बता दें, लद्दाख यूरेनियम, ग्रेनाइट, सोने और रेअर अर्थ जैसी बहुमूल्य धातुओं से भरा हुआ है।
पुराने समय में 10 हजार ऊंटों और घोड़ों के जरिए लद्दाख के रास्ते चीन से व्यापार होता था।
लेह के रास्ते ये ऊंट और घोड़े चीन के यारकंद, सिनकिआंग और तिब्बत की राजधानी ल्हासा तक जाते थे। इस दौरान दोनों देशों के बीच बड़े पैमाने पर व्यापार होता था।
लेकिन अब वक्त बदल गया है। लद्दाख के गलवान रिजन में जिस जगह पर भारत और चीन के बीच यह विवाद चल रहा है, उसके ठीक बगल में स्थित गोगरा पोस्ट के पास ‘गोल्डेन माउंटेन’ है।
दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों की वजह से इस इलाके में अभी ज्यादा सर्वे नहीं हुआ लेकिन माना जाता है कि यहां सोने समेत कई बहुमूल्य धातुएं छिपी हुई हैं।
यही नहीं लद्दाख के कई इलाकों में उच्च गुणवत्ता वाले यूरेनियम के भंडार मिले हैं। इससे न केवल परमाणु बिजली बनाई जा सकती है, बल्कि परमाणु बम भी बनाए जा सकते हैं।
यही वजह है कि , चीन भारत को उसी के हिस्से में रोक कर अपने नापक मनसूबे पूरे करना चाहता है।
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लेकिन भारतीय सेना लगातार चीन को रोक रही है। जिसकी वदह से वो चाहकर भी अपने नापाक काम को पूरा नहीं कर पा रहा है।