लखनऊ प्रयागराज कुम्भ को लेकर कुम्भ मेला अधिकारी ने मेरठ से लेकर प्रयागराज तक के उद्योगों को सम्बन्धित क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी ने 15 दिसंबर 2018 से 15 मार्च 2019 तक बंद करने के आदेश दिए गए है। इस आदेश से तीन महीने तक उसमें काम करने वाले मजदूरों के जीवन यापन की समस्या को देखते हुए सुनील भराला पूर्व राष्ट्रीय सह संयोजक भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ व नगीना लोकसभा प्रभारी ने एक पत्र लिखकर प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।
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भराला ने कहा कि प्रदेश में कपड़ा, कागज, चीनी, रासायनिक कारखाने से निकलने वाले पानी से प्रयागराज कुम्भ गंगा के जल को प्रदूषित करने का सन्दर्भ है। प्रयागराज कुम्भ के लिए गंगा का जल प्रदूषित न हो यह हमारी प्राथमिकता रहनी चाहिए। कारखानों व उद्योगों को स्पष्ट रूप से यह आदेश होना चाहिए कि गंगा मां में प्रदूषित पानी जाय जिसके लिए अलग से व्यवस्था करना चाहिए। पानी के संस्थानों में उत्सर्जित उत्सर्जन को प्रवाहित करने के लिए समयबद्ध (रोस्टर) के अनुसार ही अमल में लाना चाहिए तथा उत्सर्जन के प्रवाह को नियमित करने के लिए नियमित जांच की जानी चाहिए।
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भराला ने आगे कहा कि इन उद्योगों के द्वारा किसानों की सिंचाई के लिए पानी का उपयोग भी किया जाता है। तथा हजारों श्रमिक कारखानों में अपनी रोजी-रोटी हेतु कार्य करता है, जिनपर ध्यानाकर्षण करना जनहित में अतिआवश्यक है। मजदूरों के हित में विचार करते हुए मुख्यमंत्री ने इस पर दूसरा आदेश जारी किया शाही स्नान की तिथियों पर कारखाने बंद रहेंगे। बाकी दिन यथावत चलेंगे और अफसरों को निरंतर कारखानों से निकलने वाले पानी की जांच के आदेश भी दिए।