मुरादाबादः आज श्रावन महीने का आखिरी दिन है। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने भाईयों के कलाई पर प्रेम और स्नेह का पवित्र धागा बांधकर उनसे खुद की रक्षा का वचन मांगती है।
आज पूरे देश में इस त्योहार की धूम है। लोग अलग-अलग और अपने तरीके से रक्षाबंधन का त्योहार मना रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में छात्रों ने पेड़ों को राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया। पेड़ को राखी बांधते हुए छात्रों ने पोस्टर लगाते हुए पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया।
उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद में छात्रों ने रक्षाबंधन मनाते हुए पेड़ों को राखी बांधकर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया।
एक छात्र ने कहा, “हमने पेड़ों को राखी बांधकर संकल्प लिया कि पेड़ों को कटने से रोकें, जिससे ऑक्सीजन की कमी हो रही। कोरोना में देखा कि कैसे लोग ऑक्सीजन की कमी से मरे थे।” pic.twitter.com/QqAFCAnugS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 22, 2021
इस दौरान एक छात्र ने बताया कि हमने पेड़ों को राखी बांधकर संकल्प लिया कि पेड़ों को कटने से रोकें, जिससे ऑक्सीजन की कमी हो रही। कोरोना में देखा कि कैसे लोग ऑक्सीजन की कमी से मरे थे।
Moradabad | On #Rakshabandhan, women tie rakhis on trees with handwritten messages to spread awareness on environmental conservation.
"Today, people are cutting too many trees. If we protect them, we'll stay protected ourselves. Our resolve is to save trees," says a woman pic.twitter.com/624uSmUbzM
— ANI UP (@ANINewsUP) August 22, 2021
पार्यवरण के बचाव के लिए सिर्फ यूपी से ही ऐसी तस्वीर सामने नहीं आई, बल्कि पश्चिम बंगाल के मिदिनापुर जिले के एक गांव में बच्चों से लेकर बड़ों तक ने पेड़-पौधों को राखी बांधकर पर्यावरण का संदेश दिया।
West Bengal | On #Rakshabandhan, children and adults in Paschim Medinipur tie rakhis to trees to spread awareness on environmental conservation.
“This year, we commemorated our relationship with the environment so that next generation learns to grow & protect trees,”says a local pic.twitter.com/ITDXwLPD44
— ANI (@ANI) August 22, 2021
राधी बांधने के बाद वहां पर मौजूद एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि हमने आज पेड़ को राखी बांधकर आने वाली हमारी पीढ़ी को पार्यवरण के प्रति संदेश दे रहे हैं, कि पर्यावरण और पेड़ों से हमारा रिश्ता कैसा होना चाहिए। ताकि भविष्य में आने वाली हमारी पीढ़ी पर्यावरण को लेकर जागरुक रहे।