श्रावणी उपाक्रम के कार्यक्रम का हुआ आयोजन
अल्मोड़ा में भुवनेश्वर महादेव रामलीला कमेटी कर्नाटक खोला अल्मोड़ा के तत्त्वधान पर श्रावणी उपाक्रम के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें समस्त क्षेत्रवासी मौजूद रहे। प्रधान पुरोहित डॉक्टर गिरीश चंद्र जोशी के मार्गदर्शन में कार्यक्रम संपन्न हुआ। रक्षाबंधन से पहले सामुहिक रूप से जनेऊ और राखियों को प्रतिष्ठित किया जाता है। उसके बाद ही जनेऊ धारण किया जा सकता है। यह प्रथा कई सालों से चली आ रही है। समाप्त हो रही परम्परा आज भी कनार्टक खोला में जीवित है। वहीं इसको लेकर पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने बताया कि रक्षाबंधन से पहले श्रावणी उपक्रम के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है पर्व
रक्षाबन्धन एक हिन्दू और जैन त्योहार है। यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबंधन पर बहनें भाइयों की दाहिनी कलाई एक पवित्र धागा यानि राखी बांधती हैं और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लम्बे जीवन की कामना करती हैं। वहीं दूसरी तरफ भाइयों द्वारा अपनी बहनों की हर हाल में रक्षा करने का संकल्प लिया जाता है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे और सोने या चांदी जैसी मंहगी वस्तु तक की हो सकती है लेकिन रक्षाबंधन की व्यापकता इससे भी कहीं ज्यादा है।