प्रयागराज। गणतंत्र दिवस के मौके पर जहां एक तरफ पूरी दुनिया ने भारत की ताकत देखी वहीं लालकिले पर बवालियों के तांडव ने कानून व्यवस्था पर कई सवालिया निशान खडे कर दिए हैं। 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने गहरी चिंता जताई है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने किसानों के इस आंदोलन को राष्ट्र के प्रति विद्रोह का आंदोलन करार दिया है।
दिल्ली में हुई हिंसा पर विराध जताते हुए महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कि किसान के वेष में छिपे हुए अराजकतत्वों ने साजिश के तहत देश की छवि खराब करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि कानून को गलत बताकर अराजकता फैलाना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि किसानों को कोई समस्या है तो केन्द्र सरकार के साथ मिल बैठकर उस समस्या का समाधान निकालना चाहिए।
कुछ अराजक तत्व देश बांटना चाहते हैं
उन्होंने कहा कि किसानों को कोई समस्या है तो केन्द्र सरकार के साथ बैठकर उस समस्या का समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने किसानों के इस आंदोलन को राष्ट्र के प्रति विद्रोह का आंदोलन करार दिया है। साथ ही कहा कि किसान आंदोलन में कुछ ऐसे तत्व शामिल हो गए हैं जो राष्ट्र को बांटना चाहते हैं और देश की एकता और अखंडता को कमजोर करना चाहते हैं। इसके साथ ही देश में आतंकवाद जैसा माहौल भी पैदा करना चाहते हैं।
ऐसे लोगों पर सख्त हो केंद्र सरकार
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि सच्चा किसान गणतंत्र दिवस के दिन ऐसा काम कर ही नहीं सकता है। उन्होंने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के नाम पर किए गए आंदोलन को देशद्रोह करार दिया है। महंत गिरी ने केंद्र सरकार से ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि किसान आंदोलन की आड़ में कभी खालिस्तान के नारे लगाए जाते हैं तो कभी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाते हैं। कुछ संकीर्ण मानसिकता के लोग राष्ट्र विरोधी ताकतों से मिलकर भारत में हिंसा फैलाना चाहते हैं। देश यह कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।