नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह के पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ 21 तोपों की सलामी के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अर्जन के शरीर को बरार स्क्वायर लाया था। जहां उनका पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। सन 1965 के भारत और पाक के युद्ध में नायक की भूमिका निभाने वाले अर्जन को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। उनकी विदाई के लिए खास तौर पर फ्लाई पास्ट का आयोजन किया गया। वहीं अर्जन सिंह के सम्मान में नई दिल्ली के सभी सरकारी इमारतों पर लगे तिरंगे को थोड़ा झुका दिया गया। इससे पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
बता दें कि इससे पहले बीते रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घर जाकर अर्जन सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा, थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे। अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि देने वालों में वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्री और पूर्व थलसेना प्रमुख वीके सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी और कांग्रेस सांसद कर्ण सिंह में शामिल हैं।
वहीं उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अपने शोक संदेश में अर्जन सिंह को भारतीय नौसेना का ‘आइकन’ बताया और 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उनके योगदान का याद किया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अर्जन सिंह के निधन पर शोक जताया और उन्हें उत्कृष्ट सैनिक और राजनयिक बताया। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि उनके निधन से सेना ने अगुआ और नेतृत्व करने वाली रोशनी को खो दिया है।
वहीं मार्शल अर्जन सिंह का शनिवार को सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में निधन हो गया था। वह 98 साल के थे। वह वायुसेना एकमात्र अधिकारी थे, जिन्हें फाइव स्टार रैंक दिया गया था। उन्हें 44 वर्ष की आयु में ही भारतीय वायुसेना का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई, जिसे उन्होंने शानदार तरीके से निभाया।