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कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष: नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की…

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नई दिल्ली। आज देश जन्माष्टमी मनाई जा रही है। पूरा देश लीलाधर के जन्मोत्सव की धूम में सराबोर है। लीलाधर नटखट कान्हा और उनकी बाललीलाएं सभी को मोह लेती हैं। लीलाधर नटखट श्याम सुन्दर की बाललीलाएं और बचपन गोकुल में ही बीता था। आज भी इनकी बाललीलाएं और रास वृंदावन के कण कण में बसे हैं। नटखट कान्हा की बाललीलाओं का जब जिक्र होता है तो शरीर में रोमांच भर उठता है। नटखट श्यामसुन्दर अपने जन्म के साथ ही अपनी लीलाएं शुरु कर दी।

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बाल काल में पुतना का वध…युवा अवस्था में कालिया जैसे खतरनाक नाग के फर्न पर नृत्य …. अंगुली से गोवर्धन पर्वत को उठाना और फिर कंस का वध और भी ऐसी घटनायें हैं जिसे सुनकर मन हर्षित हो उठता है। लीलाधर कृष्ण की लीलाओं का कोई अन्त नहीं है। महाभारत में अर्जुन को गीता का उपदेश देकर पांडवो को कौरवों के खिलाफ युद्ध में विजयी करानें में कृष्ण ने अहम योगदान दिया था। भगवान कृष्ण जो अपनी अद्भुत और अनोखी लीलाओं के कारण ही लीलाधारी के नाम से भी जाने जाते हैं।

गोविन्दा का जन्मोत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता हैं और ये त्यौहार भक्तों के बीच बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। ऐसा माना जाता हैं जन्माष्टमी के व्रत बहुत ही प्रभावशाली होता है। गोविन्दा गोपाल की अनोखी भक्ति से सजा एक ऐसा ही त्यौहार हैं। जिसके रंग में हर कृष्ण भक्त रंगीन हो जाता है। ये पर्व हैं पावन जन्माष्टमी का इस दिन भगवान कृष्ण ने पृथ्वी पर जन्म लिया था। कान्हा के जन्म को जन्माष्टमी के तौर पर पूजा जाता हैं। कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार हिन्दू पचांग के अनुसार भाद्र महीने की कृष्ण पक्ष की रोहिणी तिथी को मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा ,वृन्दावन के साथ पूरा देश सरावोर हो उठता हैं। जन्माष्टमी के दिन स्त्री-पुरुष 12 बजे तक व्रत रखते हैं। हालांकि व्रत के दौरान कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है।

कैसे रखे व्रत
1. जल में तील मिलाकर स्नान करना चाहिए
2.साफ सुथरा वस्त्र पहनना चाहिए
3.भगवान श्री कृष्ण का सच्चे मन से स्मरण करना चाहिए
4.इस दिन अन्न का सेवन ना करें
5.असमर्थ लोग फल का सेवन ना करें
6.भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को लेकर दुध ,घी एंव यमुना के पवित्र जल से स्नान कराएं
7.जन्मोत्सव के बाद कपूर और घी के दीपक से आरती करें
8.मेवा- मक्खन का भोग लगाएं और अन्त में इसे स्वयं भी ग्रहण करें
9.ओम नम: भगवते वासुदेवाय नम:

ऐसा मानना है कि जन्माष्टमी में रात भर जागने से अक्षयपूर्ण प्रयाप्त होता हैं। आज के दिन कृष्ण की पूजा करने से दुख दरिद्रता समाप्त हो जाती हैं ।  उनके घर में लक्ष्मी का निवास करती हैं। कहा जाता कि तीनों जन्मोके पाप नष्ट हो जाते हैं और समस्त कार्य़ भी सिद्ध होते हैं।

 

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